राजस्थान में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा सहित पांच के खिलाफ भ्रष्टाचार – धोखाधड़ी आरोप तय, 18 साल पुराना मामला | Charges Framed Against 5 Including Rajasthan BJP UDH Minister Jhabar Singh Kharra In Corruption And Fraud Case

कोर्ट ने कहा कि तत्कालीन प्रधान झाबर सिंह खर्रा ने 8 मार्च 2006 को तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता कृष्ण कुमार गुप्ता व तत्कालीन कनिष्ठ लेखाकार नेहरूलाल के साथ पेयजल आपूर्ति के प्रस्ताव के लिए पंचायत समिति की बैठक ली। उन्होंने पद का दुरुपयोग कर आपराधिक षड्यंत्र के तहत टेंडर में भाग लेने वाले भैंरूराम से मिलीभगत कर टेंडर प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा किया। पंचायत समिति ने पीवीसी पाइप का अधिकृत ठेकेदार नहीं होने और काम का अनुभव नहीं होने के बावजूद भैंरूराम को टेंडर दिया। भैंरूराम ने 6 केजी क्षमता के बजाय गोयल पाइप उद्योग से 4 केजी प्रेशर क्षमता के पाइप खरीदे।
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पाइप के लिए गोयल पाइप को 13,24,339 रुपए दिए गए, जबकि भैंरूलाल ने 27,38,477 रुपए का भुगतान उठाया। उन्होंने भ्रष्ट आचरण कर राजकोष को 14,14,078 रुपए का नुकसान पहुंचाया और खुद को लाभान्वित किया। इसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व आईपीसी की धारा 120 के अंतर्गत अपराध माना गया है। इसके अलावा टेंडर देने में फर्जी दस्तावेज के उपयोग को धोखाधड़ी माना है।