राजस्थान में 13 हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती स्थगित, नहीं थम रही वाल्मीकि समाज की नाराजगी, हड़ताल जारी
हाइलाइट्स
वाल्मीकि समाज की लगातार दूसरे दिन हड़ताल जारी
वाल्मीकि समाज के 6 हजार सफाई कर्मचारी हड़ताल पर गए
हड़ताल का असर नगर निगमों सहित सड़कों पर दिख रहा
सफाई कार्य में केवल उनके समाज को प्राथमिकता देने की मांग
गैर वाल्मीकि समाज ने संभाली सफाई की कमान
जयपुर. सफाई कर्मचारियों की तेरह हजार पदों पर की जाने वाले भर्ती को डीएलबी ने एक आदेश निकाल कर स्थगित कर दिया हैं. इसी भर्ती में आरक्षण लागू करने से वाल्मीकि समाज में नाराजगी बनी हुई हैं. भर्ती स्थगित होने के बाद भी समाज ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है. दूसरी तरफ हड़ताल से प्रदेशभर में हालात खराब होने लगे हैं. राजधानी जयपुर के नगर निगमों में करीब 6 हजार वाल्मीकि समाज से जुड़े सफाई कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन सड़कों पर कचरा फैला दिखाई दिया. इससे प्रशासन भी लाचार दिखाई दिया. वहीं शहर में गैर वाल्मीकि समाज ने सफाई की कमान संभालने का दावा किया.
जयपुर शहर सहित पूरे प्रदेशभर में वाल्मीकि सफाई कर्मचारियों की अनिश्चित हड़ताल के बाद आज दूसरे दिन सफाई कर्मचारी वार्डो में सफाई के लिए नहीं पहुंचे. सभी कर्मचारी निगम मुख्यालयों से लेकर कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन करते दिखाई दिए. निगम में सफाई कर्मचारियों की हडताल से जगह-जगह गंदगी के ढेर शहर में नजर आए. सड़कों किनारे कचरा नहीं उठा, तो कई जगहों पर डोर-टू-डोर सफाई की व्यवस्थाएं भी लड़खड़ा गई.
संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ ने डीएलबी की जारी की गई सफाई कर्मचारी भर्ती में आरक्षण नियम लागू किए जाने का विरोध किया हैं. वाल्मीकि समाज का कहना है कि सफाई कार्य में केवल उनके समाज को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इस लिहाज से समाज से जुड़े सफाई कर्मचारी मांगे पूरी नहीं होने पर हड़ताल पर उतर गए हैं. आन्दोलन में सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ सफाई कर्मचारियों से जुड़े वाल्मीकि समाज के परिवार भी हडताल में शामिल रहें. संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के प्रदेश पदाधिकारियों का कहना है कि उनकी हड़ताल में गैर वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी भी शामिल हैं. जब तक मांगों पर कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
आपके शहर से (जयपुर)
गैर वाल्मीकि समाज ने संभाला सफाई का मोर्चा
गैर वाल्मीकि समाज सफाई कर्मचारी के नेता राकेश मीणा ने बताया कि जयपुर के निगमों में तकरीबन छह हजार वाल्मीकि समाज से जुड़े सफाई कर्मचारी है तो करीब दो हजार अन्य जाति समाज से जुड़े कर्मचारी सफाई का जिम्मा संभालते हैं. जो गैर वाल्मीकि समाज के कर्मचारी है वे साल 2018 में भर्ती से नियुक्त हुए हैं. इनके संघ की माने तो गैर वाल्मीकि समाज संविधान के अनुरूप हर एक भर्ती में आरक्षण के नियमों को जरूरी मानता हैं. जब तक वाल्मीकि समाज के स्वच्छता कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. गैर समाज के कर्मचारी अपनी सक्रियता के साथ इस सफाई के कार्य में जुटे रहेंगे.

हड़ताल के कारण निगम प्रशासन भी परेशान नजर आ रहा है, जिसका असर सड़कों पर फैली गंदगी से दिखने लगा है. (तस्वीर-न्यूज18)
नगर निगमों के लिए परेशानी बनी हड़ताल
इधर जयपुर के दोनों नगर निगमों के प्रशासन के लिए सफाई कर्मचारियों की हड़ताल परेशानी का कारण बन गई हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान हुई इस हड़ताल से निगम प्रशासन के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने की चुनौती बन गई हैं. निगम प्रशासन की माने तो गैराज के अतिरिक्त संसाधनों से कोशिश की जा रही है. निगम के अधिकारियों की माने तो बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर होने से व्यवस्थाएं खराब होगी. हालांकि इसे दुरूस्त करने के उनके प्रयास जारी हैं.
हड़ताल का सड़कों पर दिख रहा असर
बहरहाल राजधानी में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब सड़कों के किनारों पर गंदगी के तौर पर दिख रहा हैं. भले ही पार्षद से लेकर मेयर और निगम के प्रशासन से जुड़े अधिकारी वैकल्पिक इंतजामों की बात कर रहे हो, लेकिन गंदगी से आम जन को भी परेशानी हो रही हैं. वाल्मीकि समाज की मांगों को लेकर डीएलबी के अधिकारी पूर्व में भी चर्चा कर चुके हैं, लेकिन इसका समाधान नहीं निकल पाया हैं. उम्मीद की जा रही है कि बातचीत के जरिए जल्द ही इस हड़ताल को भी समाप्त कराया जा सकेगा.
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FIRST PUBLISHED : April 27, 2023, 08:52 IST