राजस्थान बीजेपी ने ढूंढे लोकसभा चुनाव में हार के कारण, मंथन कर निकाला ये निचोड़, भितरघात और…

जयपुर. मिशन राजस्थान-25 में फेल हुई राजस्थान भाजपा लोकसभा चुनावों में हुई हार पर मंथन कर रही है. लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी 25 में से केवल 14 सीटों पर ही जीत दर्ज करा सकी थी. लिहाजा पार्टी अब इन 11 सीटों के हार के कारणों पर बीते दो दिनों से मंथन कर रही है. शनिवार को दिनभर पार्टी मुख्यालय पर मैराथन बैठक का दौर चला. पहले दौर की मंथन बैठक में 7 लोकसभा सीटों पर चर्चा हुई. आज शेष चार सीटों की समीक्षा की जा रही है.
जयपुर में बीजेपी कार्यालय पर हुई बैठक में हारी हुई लोकसभा सीट के जिला अध्यक्ष, लोकसभा प्रभारी और सांसद प्रत्याशी सहित तमाम पदाधिकारी से चर्चा हुई. एक-एक लोकसभा सीट का पूरा फीडबैक लिया गया. सूत्रों की मानें तो हर के प्रमुख कारण टिकट वितरण में खामी और भितरघात दो प्रमुख कारण सामने आए हैं. बताया यह भी जा रहा है बैठक के दौरान कुछ सीटों पर चर्चा के दौरान एक दूसरे पर हराने के आरोप-प्रत्यारोप भी लगे.
टिकट वितरण और भीतरघात हार की बड़ी वजहबैठक के अंदर हार के क्या कारण माने गए इसको लेकर पार्टी के नेता कुछ भी कहने से बचते नजर आए. लेकिन सूत्रों की मानें तो जिन सीटों पर हार हुई है वहां पर सबसे बडी वजह में टिकट वितरण और भितरघात बताई जा रही है. इसके साथ फीडबंक के दौरान आपसी गुटबाजी, पार्टी नेताओं में तालमेल का अभाव और निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं मिलना भी हार के मुख्य कारण माने गए हैं.
एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी लगेइतना ही नहीं पार्टी सूत्रों की मानें तो बैठक में कुछ लोकसभा सीटों पर तो नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी लगाए. कुछ नेताओं ने हार की जिम्मेदारी को स्वीकारा, लेकिन साथ में उन्होंने यह भी कहा कि किसी एक व्यक्ति की वजह से चुनाव नहीं हारते हैं. पार्टी प्रत्याशी जिन कारणों से चुनाव हारे हैं उन पर और गंभीरता से मंथन होना चाहिए. इसके साथ ही जो जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
मंथन बैठक में नहीं पहुंचे डॉ. किरोड़ीलाल मीणापहली समीक्षा बैठक में टोंक- सवाईमाधोपुर, दौसा, झुंझुनूं, नागौर, सीकर, चूरू और बाड़मेर सीट पर चर्चा हुई. लेकिन टोंक सवाई माधोपुर और दौसा सीट के महामंथन में डॉ. किरोड़ी लाल मीणा शामिल नहीं होने पर दिन भर सियासी चर्चाओं का दौर तेज रहा. बताया जा रहा है कि मीणा माउंट आबू के दौर पर रहे जिसकी वजह से वे बैठक में नहीं पहुंचे. लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद से मीणा न तो दफ्तर जा रहे हैं और न ही सरकारी गाड़ी का उपयोग कर रहे हैं. इतना ही नही मीणा विभाग की फाइलें भी नहीं देख रहे हैं.
अमृत मंथन निकलेगा वह जल्द सबके सामने आएगापहले दौर की बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के साथ लोकसभा चुनाव प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और सह प्रभारी विजया राहटकर भी मौजूद रहे. दोपहर बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी इसमें शामिल हुए. प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि बैठक में सिर्फ चुनाव को लेकर नहीं बल्कि आगामी कार्यक्रमों को लेकर भी बातचीत हुई है. निश्चित रूप से जो अमृत मंथन निकलेगा वह जल्द सबके सामने आएगा. किरोड़ी लाल मीणा की अनुपस्थिति को लेकर सीपीसी ने कहा कि व्यक्तिगत कारण से नहीं आ पाए. कुछ लोग बाहर थे इसलिए नहीं आए. बाकी सभी कार्यकर्ता और नेता जो अपेक्षित थे बैठक में उसे पहुंचे हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 16, 2024, 11:41 IST