राजस्थान हाईकोर्ट में लाखों केस पेंडिंग, जजों की कमी के चलते समय पर नहीं मिल रहा न्याय, पढ़ें अपडेट

हाइलाइट्स
राजस्थान हाईकोर्ट अपडेट
उच्च न्यायालय में लंबित पड़े लाखों केस
हाईकोर्ट में जजों के 16 से ज्यादा पद खाली
जयपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय और उसकी अधीनस्थ अदालतों में लंबित केसेज की स्थिति चिंताजनक है. प्रदेश में आम आदमी के लिए अदालतों में सुलभ और त्वरित न्याय मिलना अब मुश्किल होता जा रहा है. राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के 16 से ज्यादा पद रिक्त हैं. यहां नियमानुसार 50 न्यायाधीश होने चाहिए. राजस्थान हाईकोर्ट में हर साल बढ़ते केसेज और लंबित पड़े मामलों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है.
हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा जारी लंबित मामलों के आंकड़ों पर नजर डालें तो सिविल के 1 लाख 60 हजार मामले, क्रिमिनल के 72 हजार मामले और क्रिमिनल मिक्स केसों की संख्या 36 हजार के करीब पहुंच गई है. इसके अलावा सिविल इंटर केसेज के मामले 82 हजार के पार पहुंच गए हैं. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का कहना है कि अदालतों में जजों की घटती संख्या, बढ़ते मामले और अधिवक्ताओं पर बढ़ते कार्यभार के कारण लोगों को न्याय के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है.
अधीनस्थ अदालतों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएसन के अध्यक्ष एडवोकेट प्रहलाद शर्मा के अनुसार हाईकोर्ट में न्यायाधीशओं की कमी के कारण लंबित मामलों का असर पूरे प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में भी देखा जा रहा है. राजस्थान की 1500 से ज्यादा अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कार्य का ढर्रा पूरी तरह से चरमराता जा रहा है. जमीनी स्तर पर न्याय दिलाने वाली अदालतें अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करती नजर आ रही हैं. अधीनस्थ अदालतों में स्टाफ और न्यायिक अधिकारियों की कमी के साथ- साथ मूलभूत सुविधाओं का पूरी तरह से अभाव है.
अधिवक्ताओं के पास बैठने की जगह नहीं
दी बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष एडवोकेट पवन शर्मा ने बताया कि भले ही सरकारी अधिकारी आलीशान बिल्डिंग में बैठकर न्यायालयों के लिए योजनाओं बनाते हों. लेकिन निजी अदालतों में न्यायिक अधिकारियों के साथ- साथ अधिकांश अधिवक्ताओं के पास न तो कार्यालय उपलब्ध कराए गए हैं और न ही बैठने की जगह. अधिकांश जगहों पर न्यायालय परिसरों में खुले आसमान के नीचे या पेड़ की छांव में काम करना पड़ता है.
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FIRST PUBLISHED : December 27, 2023, 20:09 IST