राजेन्द्र गुढा ने फिर दिया विवादित बयान: बताया मर्दानगी और नपुसंकता का मतलब, पढ़ें क्या कहा?
हाइलाइट्स
विधायक राजेन्द्र गुढा अपडेट
विवादित बयान से फिर चर्चा में आए गुढा
लाल डायरी से सियासी तूफान खड़ा कर चुके हैं गुढा
झुंझुनूं. राजस्थान की राजनीति में बीते दिनों ‘लाल डायरी’ से सियासी भूचाल खड़ा कर देशभर में सुर्खियां बटोरने वाले गहलोत सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा एक बार फिर चर्चा में है. गुढा इस बार अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं. गुढा ने हाल ही में उदयपुरवाटी में आयोजित एक समारोह में नेताओं के वोट लेने के मसले पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि खुद की जाति का वोट लेना नपुसंकता है. वोट तो दूसरी जाति का लेकर दिखाए है वो है मर्दानगी.
समारोह में राजेन्द्र गुढा ने पिछले चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि कई ऐसे गांव हैं जिनमें राजपूत जाति का एक भी वोट नहीं है लेकिन वहां से उन्होंने लीड ली है. उन्होंने कहा कि भाटीवा़ड में एक राजपूत नहीं है. राजेन्द्र गुढा की लीड साठ प्रतिशत जाट है. उन्होंने जोर देकर कहा कि खुद की जाति का वोट लेना तो नपुसंकता है. दूसरे के वोट लेकर दिखाए. वो है मर्दानगी. छत्तीस कौम का वोट लेना और विरोधी का वोट लेना मर्दानगी है.
गुढा बोले गहलोत जब संकट में थे तो उनकी मदद की
गुढा यहीं नहीं रुके और बोले मेरा स्वभाव है कमजोर की मदद करना. गहलोत जब संकट में थे तो उनकी मदद की. फिर मुझे लगा सचिन पायलट कमजोर है तो उनकी मदद की. गुढा बोले यह मेरा स्वभाव हैं मैं अपने आप को रोक नहीं सकता. यह मेरे बस का सौदा नहीं है. उन्होंने कहा कि जिसके साथ बदमशाी होगी राजेन्द्र गुढा उसके साथ खड़ा मिलेगा. मैं क्या करुं खुद को रोक नहीं सकता.
सदन में अपनी ही सरकार को घेर चुके हैं गुढा
उल्लेखनीय है कि झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजेन्द्र गुढा ने कोई पहली बार विवादित बयान नहीं दिया है. वे इससे पहले भी कई बार विवादित बयान देकर चर्चाओं में आ चुके हैं. गुढ़ा ने मंत्री रहते हुए पिछले दिनों विधानसभा में महिला सुरक्षा के मामले को लेकर अपनी ही गहलोत सरकार को सदर में घेर लिया था. उसके बाद गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था.
लाल डायरी से ला दिया था सियासी तूफान
बर्खास्तगी के बाद गुढा विधानसभा में एक लाल डायरी लेकर पहुंचे थे. उन्होंने दावा किया था इस डायरी में गहलोत सरकार के काले कारनामे दर्ज हैं. उस डायरी को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था. इस पर गुढा को मार्शल के जरिए बाहर निकाल दिया गया था. उसके बाद गुढ़ा की यह लाल डायरी देशभर में सुर्खियों में आ गई. आज भी राजस्थान आने वाले बीजेपी के सभी राष्ट्रीय एवं बड़े नेता अपने संबोधन में इस लाल डायरी को जिक्र करते हैं. आगामी विधानसभा चुनावों में भी इस लाल डायरी की छाया दिखाई दिए जाने की संभावना है.
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 14:00 IST