राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: क्या है PM मोदी का कल का शेड्यूल, किस-किस से करेंगे मुलाकात, जानें सबकुछ

PM Modi In Ayodhya: प्रधानमंत्री ऑफिस की ओर से पीएम मोदी की कल की अयोध्या की शेड्यूल जारी किया है. पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को दोपहर लगभग 12 बजे अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठा) समारोह में भाग लेंगे. इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में पीएम मोदी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने निमंत्रण दिया था.
इस ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. समारोह में विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों सहित सभी क्षेत्रों के प्रमुख हस्ती भी शामिल होंगे. इस अवसर पर प्रधानमंत्री इस विशिष्ट सभा को संबोधित करेंगे.
श्रमिकों से करेंगे संवाद
प्रधानमंत्री श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण से जुड़े सभी श्रमजीवियों से संवाद करेंगे. पीएम अयोध्या में ही कुबेर टीला जाएंगे, जहां भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है. वह इस पुनर्निर्मित मंदिर में पूजा और दर्शन भी करेंगे.
बालक रामलला का स्वरूप
भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है. इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है; और यह कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजों हैं. मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के जटिल चित्रण दर्शाए गए हैं. भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्रीराम के बचपन के स्वरूप (श्री रामलला की मूर्ति) को रखा गया है.
32 सीढ़ियों से मंदिर में प्रवेश
मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है. मंदिर में कुल पांच मंडप (हॉल) हैं- नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप. मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है. मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है.
निर्माण में नहीं लगा एक भी लोहा
मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है. मंदिर में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है. जमीन की नमी से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है। मंदिर परिसर में एक सीवेज उपचार संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है। मंदिर का निर्माण देश की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक से किया गया है.
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Tags: Ayodhya, PM Modi, Ram Mandir
FIRST PUBLISHED : January 21, 2024, 22:01 IST