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लालू यादव के बेटों में वर्चस्व की लड़ाई, तेज प्रताप ने ट्वीट कर कहा- ‘अहंकार मानव के विनाश का द्वार बनता है’

तेज प्रताप यादव (tejpratap yadav) बीते कई दिनों से लगातार भगवान कृष्ण और अर्जुन की तस्वीरों के साथ गीता के उपदेश सोशल मीडिया पर शेयर कर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। अब तेज प्रताप यादव ने ट्विटर पर लिखा है कि, ‘अहंकार मानव का और मानव समाज का इतना बड़ा शत्रु है, जो सम्पूर्ण मानव जाति के कष्ट का कारण और अन्ततः विनाश का द्वार बनता है।

नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Bihar former cm lalu prasad yadav) के बेटों में वर्चस्व की लड़ाई अब सार्वजनिक हो चुकी है। तेज प्रताप यादव (tejpratap yadav) बीते कई दिनों से लगातार भगवान कृष्ण और अर्जुन की तस्वीरों के साथ गीता के उपदेश सोशल मीडिया पर शेयर कर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। अब तेज प्रताप यादव ने ट्विटर पर लिखा है कि, ‘अहंकार मानव का और मानव समाज का इतना बड़ा शत्रु है, जो सम्पूर्ण मानव जाति के कष्ट का कारण और अन्ततः विनाश का द्वार बनता है।’ गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही तेज प्रताप यादव (tej pratap yadav) ने पार्टी में उनका हक न देने पर महाभारत (mahabharat) की चेतावनी दी थी।

तेज प्रताप ने दी थी महाभारत की चेतावनी
दरअसल, खुद को कृष्ण और अपने छोटे भाई को अर्जुन बताने वाले तेज प्रताप यादव (Tej pratap Yadav) ने हाल ही में महाकवि रामधारी सिंह दिनकर (ramdhari singh dinkar) की कविता रश्मिरथि (rashmirathi) के जरिए तेजप्रताप यादव (Tej pratap Yadav) से पार्टी में अपना हक मांगा था। इसके साथ ही पार्टी में उनका हक न मिलने पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) विधायक ने महाभारत की चेतावनी भी दी थी। इस कविता में तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी यादव के रणनीतिकार संजय यादव की तुलना पहले भी दुर्योधन से की थी। उनका आरोप है कि संजय दोनों भाइयों के बीच में आ रहे हैं।

अशांत है तेज प्रताप का मन

बता दें कि गीता के इस उपदेश के साथ तेज प्रताप यादव (Tej pratap Yadav) ने महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण के गुस्से में रथ पहिया लिए हुए तस्वीर भी शेयर की है। गौरतलब है कि इससे पहले तेज प्रताप (Tej pratap Yadav) ने कल यानि 4 सितंबर को एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा ‘हे अर्जुन ! मन अशांत है और इसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।’

यह भी पढ़ें: तेजप्रताप यादव ने दी महाभारत की चेतावनी

बिहार की राजनीति के जानकारों की मानें तो तेज प्रताप को पार्टी में अपना हक न मिलने का डर सता रहा है। खास बात यह है कि बिहार विधानसभा चुनाव (bihar election) से पहले पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) ने भी पार्टी का नेतृत्व तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को सौंपने का इशारा कर दिया था। आरजेडी (RJD) के नेताओं का कहना है कि तेज प्रताप यादव के रवैये के वजह से बिहार की जनता उन्हें गंभीरता से नहीं लेती और उनके नेतृत्व में पार्टी का कोई भविष्य नहीं हैं। ऐसे में तेज प्रताप को उनका राजनीतिक भविष्य खतरे में नजर आ रहा है।






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