लिटिल ब्वॉय का तांडव महीनों बाद खत्म, अब लिटिल गर्ल करेगी तर-बतर, अभी से हो जाएं तैयार
नई दिल्ली. मौसम स्वास्थ्य के साथ ही अर्थव्यवस्था को भी व्यापक तरीके से प्रभावित करता है. मौसम के मिजाज में लगातार बदलाव का प्रतिकूल असर पड़ता है, लेकिन मौसम के सामान्य रहने पर हर चीज ट्रैक पर रहती है. ऑस्ट्रेलियाई मौसम विभाग (BOM) ने कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट की मानें तो इस बार दक्षिण-पूर्व मानसून सामान्य रहेगा. यह न केवल भारतीय किसानों के लिए अच्छी खबर है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है. BOM ने बताया है कि अल-नीनो अब न्यूट्रल हो गया है. साथ ही ऑस्ट्रेलियाई मौसम विभाग ने ला-नीना के एक्टिव होने की बात कही है.
अल-नीनो स्पेनिश शब्द है, जिसका अर्थ ‘लिटिल ब्वॉय’ होता है. अल-नीनो के एक्टिव होने से मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर की सतह गर्म हो जाती है. इससे मौसमी दशाओं पर व्यापक और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. खासकर दक्षिण-पूर्व मानसून पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसकी वजह से बारिश में काफी कमी आ जाती है. अल-नीनो जून 2023 में सक्रिय हुआ था, जिसके कारण बारिश काफी कम हुई थी. भारत समेत कई देशों में सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई थी. इसका असर न सिर्फ कृषि पर पड़ा था, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रभाव देखा गया था. अब अल-नीनो की सक्रियता समाप्त हो गई है. अल-नीनो हर 2 से 7 वर्षों में एक्टिव होता है. यह दुनियाभर की मौसमी दशाओं को पिछले 9 से 12 महीनों से प्रभावित कर रहा था.
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अब बदलेगा मौसम
ऑस्ट्रेलिया मौसम विभाग ने आने वाले समय में मौसम में बदलाव की संभावना जताई है. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अल-नीनो जुलाई 2024 तक न्यूट्रल बना रहेगा. BOM ने कुछ महीने में ला-नीना के एक्टिव होने का पूर्वानुमान जताया है. बता दें कि ला-नीना स्पेनिश शब्द है, जिसका अर्थ लिटिल गर्ल है. यह हर 3 से 5 वर्षों में एक्टिव होता है. ला-नीना की वजह से समुद्र की सतह का तापमान कम हो जाता है, जिसके कारण समुद्री सतह कूल हो जाता है. इसका मानसून पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है. ला-नीना के चलते बारिश अच्छी होती है. BOM की रिपोर्ट भारती कृषि के लिए काफी शुभ है.
IMD और WMO का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हाल में ही मानसून को लेकर अपना पूर्वानुमान जारी किया था. मौसम विज्ञानियों ने इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई है. कृषि प्रधान देश भारत के लिए यह शुभ संकेत है. बता दें कि इससे पहले विश्व मौसम संगठन (WMO) ने कहा था कि अल-नीनो दिसंबर 2023 में पीक पर था. इसके प्रभाव के चलते काफी कम बारिश रिकॉर्ड की गई. मई तक इसके प्रभावी रहने की बात कही गई थी.
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Tags: IMD forecast, Monsoon
FIRST PUBLISHED : April 19, 2024, 11:37 IST