लिवर फेलियर से बचाने का मिल गया सबसे सस्ता इलाज, दिल्ली के गंगाराम अस्पताल का दावा

हाइलाइट्स
सर गंगाराम अस्पताल में एक्यूट लिवर फेेलियर के 10 मरीजों की जान प्लाज्मा एक्सचेंज से बचाई गई है.
डॉक्टरों का कहना है कि लिवर ट्रांसप्लांट की तुलना में प्लेक्स एक बेहतरीन और सस्ता उपचार है.
लिवर ट्रांसप्लांट की लागत 30 लाख रुपये है, जबकि प्लाज्मा एक्सचेंज की लागत सिर्फ 30,000 रुपये है.
नई दिल्ली. लिवर डेमेज या लिवर फेलियर (Liver Failure) की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए उम्मीद की एक नई किरण दिखाई दी है. लिवर की गंभीर बीमारी के इलाज के रूप में अभी तक सिर्फ एक ही काफी महंगे उपाय लिवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant) से भी निजात मिल सकती है. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल (Sir Gangaram Hospital Delhi) के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने लिवर के मरीज का बेहद सस्ता इलाज करके जान बचाने का कारनामा किया है साथ ही इस बीमारी के लिए नया और सस्ता इलाज भी ढूंढने का दावा किया है.
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि एक 52 वर्षीय पुरुष को सर गंगा राम अस्पताल में 2 सप्ताह पहले पीलिया के लक्षणों के साथ भर्ती कराया गया. जिसके बाद उसकी सोचने समझने की शक्ति चली गई थी. मरीज के पेट में पानी इकट्ठा होने लगा और मूत्र उत्पादन में कमी (तीव्र किडनी की चोट) होने लगी. आगे की जांच में उसे हेपेटाइटिस बी वायरस पॉजिटिव पाया गया और क्रोनिक लिवर फेलियर (एसीएलएफ) पर तुरंत उपचार की आवश्यकता थी. इस हालत पर डायलिसिस पर विचार किया गया और मरीज को लिवर ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया गया क्योंकि मरीज की सभी जांचों के द्वारा पता चला कि मरीज के एक महीने के जीवित रहने की संभावना लगभग 50 फीसदी रह गयी है.
इस बारे में अस्पताल में डिपार्टमेंट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डॉ. पीयूष रंजन ने बताया, ‘परिवार में कोई डोनर नहीं था, इसलिए हमने प्लाज्मा एक्सचेंज ‘प्लेक्स (PLEX)’ के एक असामान्य विकल्प का सुझाव दिया और हमने PLEX को कुल पांच बार किया. दूसरी बार PLEX करने के बाद उनके पीलिया में सुधार होने लगा, उनकी चेतना में सुधार हुआ और गुर्दे के कार्यों में भी सुधार होने लगा. अन्य चिकित्सा उपचार भी जारी रखा गया, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण एंटी-वायरल थेरेपी है. अस्पताल में भर्ती होने के 20 दिनों के बाद अच्छी स्थिति में रोगी को छुट्टी दे दी गई और एक महीने के फॉलोअप के बाद मरीज के पेट में इकट्ठा हो रहा पानी पूरी तरह से खत्म हो गया और पीलिया सामान्य हो गया.’
आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)
डॉ. रंजन ने कहा कि लिवर ट्रांसप्लांट वाले मरीजों में प्लास्मफेरेसिस (Plasmapheresis) का तेजी से उपयोग किया जा रहा है और कई मामलों में इन मरीजों का एक बड़ा हिस्सा अन्य कारकों के नियंत्रण से ठीक हो सकता है. जैसे हमारे मरीज में दवा के साथ हेपेटाइटिस बी वायरस का इलाज जारी था तो इस स्थिति में PLEX ने खराब हो रहे लिवर को सहारा देने का काम किया.
ये है प्लेक्स की पूरी प्रक्रिया
प्लेक्स हेमोडायलिसिस जैसी एक प्रक्रिया है जहां मरीज से खून निकाल दिया जाता है और मशीन में सेंट्रीफ्यूगेशन द्वारा सेलुलर घटकों (आर बी सी, डब्ल्यू बी सी और प्लेटलेट) को प्लाज्मा से अलग किया जाता है. प्लाज्मा को हटा दिया जाता है और ताजा प्लाज्मा (FFP) और एल्ब्यूमिन को सेलुलर घटकों के साथ मिलाया जाता है और मरीज को वापस लौटा दिया जाता है. प्लाज्मा में बहुत सारे जहरीले उत्पाद होते हैं जो लीवर को नुकसान पहुंचाते हैं चूंकि PLEX में पूरे प्लाज्मा को हटा दिया जाता है, इसलिए डायलिसिस और MARS की तुलना में यह बेहतर उपाय है.
इतना सस्ता है ये इलाज
डॉ. रंजन कहते हैं कि प्रत्येक बार के लिए PLEX की लागत लगभग 30,000 रुपए है और रक्तदाताओं की आवश्यकता होती है. प्रतिक्रिया देने वाले मरीजों में औसतन PLEX के 3 सत्र होते हैं और कुछ को अधिक सत्र की आवश्यकता हो सकती है जैसे हमारे मरीज को 5 सत्रों की आवश्यकता हुई. हालांकि लिवर ट्रांसप्लांट की तुलना में ये बेहद सस्ता है.
डॉक्टरों ने कहा, 10 मरीज हो चुके इस उपचार से ठीक
हम अपने मरीजों को नियमित रूप से PLEX की पेशकश कर रहे हैं, जिसके सबसे आम संकेत हैं गंभीर अल्कोहलिक हेपेटाइटिस (severe alcoholic hepatitis), हेपेटाइटिस बी (hepatitis B) और ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (autoimmune hepatitis) के लिए असफल स्टेरॉयड उपचार. हम इन मरीजों का चयन अच्छी तरह से स्थापित मानदंडों के आधार पर करते हैं. हमने अच्छे परिणाम के साथ 10 मरीजों का ऑपरेशन किया और उच्च लागत वाले लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता को बचाया है जो आज की तारीख में निजी क्षेत्र में लगभग 25 से 30 लाख तक खर्च होता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Gangaram Hospital, Liver transplant
FIRST PUBLISHED : December 18, 2022, 15:03 IST