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क्या बंद हो गई है 2000 रुपये के नोट की छपाई? क्यों आपके हाथों में नजर नहीं आता दो हजार रुपये का नोट!

नई दिल्ली. मोदी सरकार (Modi Government) 8 नवंबर 2016 को देश में नोटबंदी (Demonetization) लागू किया था. नोटबंदी के इस फैसले के बाद देश में 500 रुपये और 2000 रुपये (Two Thousand New Note) का नया नोट चलन में आ गया है. आरबीआई (RBI) ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को चलन से पूरी तरह से गायब कर दिया. नोटबंदी के दौरान जारी किए गए दो हजार रुपये के नोट अब चलन में न के बराबर हैं. बैंकों का काउंटर हो या एटीएम, दो हजार के गुलाबी नोट अब विरले ही नजर आते हैं. बैंकों के एटीएम से अब 2000 हजार रुपये के नोट निकलते ही नहीं हैं. बाजार में भी अब लेनदेन में ये नोट बहुत कम प्रयोग में दिख रहे हैं. इस समय बैंकों के एटीएम से 500 रुपये के ही नोट ज्यादा निकल रहे हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि 2000 के नोट गए तो कहां गए? क्या आरबीआई 2000 रुपये के नोट को चलन से बंद करने जा रही है?

साल 2017 से लेकर 2018 तक 2000 हजार नोट एटीएम और बैंक दोनों से निकल रहे थे, लेकिन 2018 के बाद से यह नोट कम दिखने लगा और अब तो बिल्कुल बंद हो गई. आरबीआई के आंकड़ें की मानें तो देश में 2000 के नोट सबसे ज्यादा चलन में 2017-18 के दौरान रहे. इस दौरान बाजार में 2000 के 33,630 लाख नोट चलन में थे. इसका कुल मूल्य 6.72 लाख रुपये लगया गया था. इनकी संख्या में अब काफी कमी आई है. बाजार से लगभग 3 लाख करोड़ रुपये के 2000 के नोट चलन से बाहर हो गए हैं.

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यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पहले बैंक 50 लाख रुपये तक के जमा पर 2.90 फीसदी ब्याज देता था, मगर अब इसे घटाकर 2.75 फीसदी कर दिया गया है.

2000 रुपये के नोट कहां गए?
पिछले साल केंद्र सरकार ने लोकसभा में ये जानकारी दी थी कि बीते दो सालों यानी 2019-20 से 2000 रुपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई है. अप्रैल 2019 के बाद से केंन्द्रीय बैंक ने 2000 का एक भी नोट नहीं छापा है. इस मुद्दे पर बैंक अधिकारी भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन वे लोग मान रहे हैं कि कालाधनों की जमाखोरी को रोकने के लिए रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने दो हजार के नोटों को धीरे-धीरे प्रचलन से बाहर करने का मन बना लिया है.

क्यों नहीं दिख रहे हैं दो हजार के नोट?
पिछले साल आरबीआई ने कहा था कि मार्च 2021 तक देश में 2000 रुपये के मात्र 24,510 लाख नोट ही चलन में बचे हैं. इनका कुल मूल्य  4.90 लाख करोड़ रुपये है. देश में 31 मार्च 2021 तक चलन में कुल करेंसी नोट में 500 और 2000 की हिस्सेदारी 85.7% रही, जो 31 मार्च 2020 तक 83.4% थी.

नोटबंदी के बाद कितने दो हजार के नोट चलन में थे?
आरबीआई रिपोर्ट की मानें तो इस समय 500 के नोट 2000 के नोट की जगह ले रहे हैं. सर्कुलेशन करेंसी में सबसे अधिक हिस्सेदारी 500 के नोट की है. इसके बाद हिस्सेदारी 10 रुपये के नोट की है. आरबीआई के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के बाद से ही 2 हजार का कोई नोट नहीं छापा गया है.

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आरबीआई रिपोर्ट की मानें तो इस समय 500 के नोट 2000 के नोट की जगह ले रहे हैं. 

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वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े मूल्य के नोटों पर छपाई का खर्चा भी अधिक आती है, लिहाजा आरबीआई कम संख्या में ही 2 हजार के नोटों को छाप रहा है. इसलिए लोगों के गुलाबी सपनों को सच करने वाला दो हजार के गुलाबी नोट जितनी तेजी से आया था उतनी ही तेजी से गायब भी हो गया.

Tags: ATM Card, Bank ATM, Currency in circulation, Modi government, RBI

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