लोकसभा चुनाव: दिल्ली में आज होगा टिकटों पर मंथन | Lok Sabha elections: There will be churning on tickets in Delhi today

राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं। इनमें से पिछले दो चुनाव में भाजपा ने ही सभी सीटें जीती है। भाजपा इस बार भी सभी सीटों की “जीत की हैट्रिक” लगाने में जुटी है। भाजपा पूरी तैयारी में है कि यहां से एक भी सीट कांग्रेस के खाते में नहीं जाए। इसलिए यहां संगठन स्तर पर कई बैठकें हो चुकी हैं। सभी 25 सीटों को कलस्टर स्तर पर भी बांटा गया है। कलस्टर अनुसार बैठकें हो रही हैं। पिछले दिनों केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह राजस्थान का दौरा करके जा चुके हैं।
प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में हुई थी चर्चा लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश कोर कमेटी की बैठक मंगलवार को हुई थी। इस बैठक में प्रदेश स्तर पर टिकटों पर चर्चा कर पैनल बनाया गया है। इस बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा, वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनिया भी शामिल हुए।
सबसे ज्यादा चर्चा छह सीटों की राजस्थान में 25 सीटों में से सबसे ज्यादा चर्चा छह सीटों की हो रही है। बाकी सीटों पर वर्तमान सांसद रिपीट होंगे या फिर किसी नए को मौका मिलेगा, यह तो अभी तय नहीं है। लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान जिन लोकसभा के छह सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा गया था, उनकी सीटों पर चर्चा ज्यादा है। इनमें से तीन सांसद अलवर से बाबा बालकनाथ, राजसमंद से दिया कुमारी और जयपुर ग्रामीण से राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जीत गए थे। इनमें से दिया कुमारी को उपमुख्यमंत्री और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मंत्री बना दिया गया है। बालकनाथ को फिलहाल कोई पद नहीं दिया गया है। इसके अलावा तीन सांसद जालोर-सिरोही से देवजी पटेल, अजमेर से भागीरथ चौधरी और झुंझनू के सांसद नरेन्द्र कुमार हार गए। ऐसे में विधायक का चुनाव हार चुके सांसदों को दुबारा मौका मिलने पर भी संशय है। इन छहों सीटों पर भाजपा नए प्रत्याशी की तलाश में हैं।
नागौर सीट पर भी होगी चर्चा भाजपा ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नागौर में हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा से गठबंधन किया था। हालांकि बेनीवाल ने बाद में गठबंधन तोड़ दिया। ऐसे में अब इस सीट को लेकर भाजपा में चर्चा है। इधर पिछले चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी बेनीवाल के सामने कांग्रेस ने ज्योति मिर्धा को मैदान में उतारा था। लेकिन वे पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा में शामिल हो गई। भाजपा ने इन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट भी दिया, लेकिन वे हार गई। ऐसे में इनके इस बार लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर भी संशय बना हुआ है।