लोकसभा चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया निभा रहा अहम रोल, इतना कर रहे खर्च | RJ Lok Sabha Elections 2024 Political Influencer Marketing Fund on Social Media Election Expenses Political Parties

दो तरीके से मजबूत कर रहे सोशल मीडिया
1. खुद का प्लेटफॉर्म – कई नेताओं व प्रत्याशियों ने खुद का प्लेटफॉर्म खड़ा कर उसे मजबूत बनाया है। खास तौर पर वे प्रत्याशी जो पहली बार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। इसके लिए कई कंपनियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ऑपरेशन का काम दिया गया है। यह काम सामान्य दिनों में 20 से 50 हजार रुपए महीने में होता है, लेकिन चुनावी सीजन में वीडियो बनाने से लेकर पोस्ट करने तक का पूरा काम 3 से 8 लाख रुपए तक में किया जा रहा है।
2. इन्फ्लूएंसर मार्केटिंग – यह सोशल मीडिया पर चर्चित रहने का सबसे नया और तेजी से उभरता माध्यम है। उस क्षेत्र के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर को इससे जोड़ा जा रहा है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप वायरल हो रहे हैं। इन इन्फ्लूएंसर को भुगतान भी किया जा रहा है।
ऐसी है दोनों पार्टियों की रणनीति
भाजपा का तीन स्तर पर आक्रमण
पहला – भाजपा अभी पूरी तरह से विपक्षी दलों के गठबंधन को ही निशाना बना रही है। केजरीवाल की गिरफ्तारी व भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया जा रहा है।
दूसरा- प्रदेश स्तर पर पूर्व सरकार पर लगातार आक्रमण हो रहे हैं। पेपरलीक पर हो रही कार्रवाई और इसको सोशल मीडिया पर जमकर भुनाया जा रहा है, जिससे युवा वोटर्स को साधा जा सके।
तीसरा- कई जगह स्थानीयता व राम मंदिर को ही भुनाया जा रहा है। देवालयों के दर्शन और इसी का सोशल मीडिया प्रचार वायरल है।
कांग्रेस का पलटवार
– कांग्रेस भी भाजपा के आक्रमणों को उसी अंदाज में जवाब देने की रणनीति बना चुकी है। केन्द्र के हमले को लोकतंत्र पर खतरा व केन्द्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के जरिये भुनाया जा रहा है।
– जिस अंदाज में प्रदेश स्तर के नेता आरोप लगा रहे हैं, ठीक उसी लहजे और भाषा में यह जवाब वायरल हैं।
– स्थानीय स्तर पर कई प्रत्याशियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर एंटी इनकबेंसी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। ठप विकास का हवाला दिया जा रहा है।