वंशवर्धन सिंह बने बूंदी रियासत के 26वें महाराव, रोचक अंदाज में हुआ ताजपोशी का फैसला
कोटा. हिंदू नववर्ष (Vikrami Samvat Hindu New Year 2022) के दिन बूंदी नई दुल्हन की तरह सजा दिख रहा है. यहां उत्सव की धूम है. इस उत्सव की वजह है रियासत के 26 वें महाराज के तौर पर कुंवर वंशवर्धन सिंह की ताजपोशी. राजस्थान की सबसे प्राचीन रियासतों में से एक बूंदी रियासत को शनिवार को 12 साल से लंबे इंतजार के बाद अपना उत्तराधिकारी मिल गया. शनिवार को 34 साल के वंशवर्धन सिंह (Vanshvardhan Singh) को पाग बांधकर उनकी ताजपोशी की गई. बता दें कि साल 2010 में बूंदी रियासत (new Maharao Raja of Bundi Ex Royal Family) के पूर्व महाराव राजा रणजीत सिंह का निधन हो गया था. इसके बाद से लगातार यह रियासत अपने उत्तराधिकारी की बाट जोह रही थी. बूंदी के पूर्व राजघराने से निकट रक्त संबंध होने के नाते कोटा और अलवर दोनों ही पूर्व राजघरानों के सदस्यों ने वंशवर्धन सिंह के नाम पर सहमति जताई थी. अब शनिवार को बड़ी धूमधाम से कुंवर वंशवर्धन सिंह की ताजपोशी (The Paag Dastur of Bundi’s) की जा रही है. वंशवर्धन सिंह बूंदी रियासत के 26वें महाराव होंगे.
राजपुताने की प्राचीन रियासतों में से एक है बूंदी
बूंदी रियासत राजपुताने की प्रचीन रियासतों में से एक मानी जाती है. महाराव देवा हाड़ा ने 1242 में इस रियासत की स्थापना की थी. बूंदी, चौहान वंश के हाड़ा कुल की प्रथम रियासत है. इस रियासत का भी एक सुनहरा इतिहास रहा है. 780 साल में इस रियासत ने कई उतार-चढ़ाव देखे. साल 2010 तक इस रियासत के महाराव रणजीत सिंह रहे हैं. लेकिन रणजीत सिंह के निधन के बाद से यह रियासत अपने उत्तराधिकारी की राह देख रही थी.
पट्टे से हुआ फैसला
दरअसल बूंदी रियासत के 23वीं पीढ़ी के महाराव राजा ईश्वरी सिंह ने बूंदी की जागीरदारी केसरी सिंह को सौंपी थी. इसके साथ ही महाराव द्वारा एक पट्टा भी जारी किया गया था. इस पट्टे में इस बात का जिक्र किया गया था कि उत्तराधिकारी नहीं होने की स्थिति में बूंदी परिवार के सदस्य को ही उत्तराधिकारी बनाया जाएगा. हालांकि बाद में इसको लेकर कुछ विवाद भी सामने आया. वहीं हाल ही में कोटा के पूर्व महाराव बृजराज सिंह और अलवर के महाराजा भंवर जितेंद्र सिंह ने इस पट्टे को सही बताते हुए कुंवर वंशवर्धन सिंह के नाम पर सहमति जता दी. इसके बाद अब शनिवार को कुंवर वंशवर्धन सिंह को बूंदी का 26वां महाराव बनाया गया है.
जानें, कौन हैं नए महाराव वंशवर्धन सिंह
वंशवर्धन सिंह (Maharao Raja Vanshvardhan Singh) का जन्म 8 जनवरी 1987 को बलभद्र सिंह हाड़ा (Maharajadhiraj Balbhadra Singh of Kapren) के घर हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई मप्र के इंदौर शहर के डेली कॉलेज इंदौर (Daly College, Indore) से हुई है. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए. इंग्लैंड की लीस्टर की डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी (De Montfort University, Leicester, England) से भी उन्होंने शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद वंशवर्धन सिंह ने कनाडा से बिजनेस मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की है. पढ़ाई के बाद करीब 2 साल तक अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों में काम करने के बाद वे साल 2013 में बूंदी लौट आए. इसके बाद वंश परम्परा के अनुसार उन्हें महाराजा रणजीतसिंह का उत्तराधिकारी बनाया गया. साल 2016 में वंशवर्धन परिणय सूत्र में बंधे थे. उन्होंने ठाकुर दीप सिंह धनानी की पुत्री मयूराक्षी से शादी की है. दोनों का एक बेटा वज्रनाभ भी है.
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