वर्ल्ड कप महामुकाबले को तैयार, भारत अजेय तो ऑस्ट्रेलिया ने जीते लगातार 8 मैच
दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट महाकुंभ का खिताब सिमट कर अब सिर्फ 2 टीमों के बीच रह गया है. ऑस्ट्रेलिया के पास इसे सबसे अधिक आधा दर्जन बार जीतने का मौका होगा, तो भारत का यह तीसरा खिताब हो सकता है.
दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट महाकुंभ का खिताब सिमट कर अब सिर्फ 2 टीमों के बीच रह गया है. ऑस्ट्रेलिया के पास इसे सबसे अधिक आधा दर्जन बार जीतने का मौका होगा, तो भारत का यह तीसरा खिताब हो सकता है. दोनों सेमीफाइनल का अंत रोमांच से शराबोर था, लेकिन बढ़त इन्ही दोनों टीमों के पास थी. न्यूज़ीलैंड और दक्षिण अफ्रीका बीच बीच में चुनौती देते दिखे. भारत अब तक इस टूर्नामेंट में अविजित है, और विश्व कप में लगातार 10 मैच जीतने का उसका यह नया रिकॉर्ड है. दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया की पहले दो मैचों मे शिकस्त के बाद शानदार वापसी है और अब वह लगातार 8 मैच जीत चुका है। भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिल अब धड़कने लगे हैं, कहीं जीत का सिलसिला ऐन वक्त पर टूट तो नही जाएगा, कहीं लॉ ऑफ एवरेजेस काम तो नही कर जाएगा। वैसे सुकून से भरा एक तथ्य यह भी है कि 2011 के बाद हर बार विश्वकप का खिताब मेजबान ने ही जीता है। सप्ताह भर की क्रिकेट गतिविधियों को इस पॉडकास्ट में समेटे मैं हाजिर हूँ, स्वीकार कीजिए संजय बैनर्जी का नमस्कार-
कल रात आस्ट्रेलिया ने फिर साबित किया कि वह बड़े मुकाबले की टीम है। दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ओवरकास्ट वेदर की अनदेखी कर गए और टीम के पहले बल्लेबाजी कर जीतने के रिकॉर्ड की वजह से उन्होंने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। गलती यही पर हो गई और दक्षिण अफ्रीका का चोकर टैग फिर साबित हो गया। बवूमा आते ही गए, और फिर क्विंटन डी कॉक, मार्कराम और दुसेन भी गए। मिलर के सैकड़े ने इज्जत बचाई और औसट्रेलिया को 213 का लक्ष्य मिला। जवाब मे शुरुआत धमाकेदार हुई, 6 ओवर मे बिना नुकसान 60 बन गए, लेकिन वॉर्नर के जाते ही टीम ने अनावश्यक दबाव ओढ़ लिया, और आखिर घिसटते हुए लक्ष्य हासिल किया। ट्रेवेस हेड के आक्रामक 62 इस टीम के बड़े काम आए।
उधर भारत ने न्यूजीलैंड को हराया, कीविस ने संघर्ष किया, लेकिन वह नाकाफ़ी था. आईसीसी नॉकआउट मे रिकॉर्ड 398 का लक्ष्य मुश्किल था, जिसे तमाम कोशिशों के बावजूद हासिल नही किया जा सका. कप्तान केन विलियमसन और डेरिल मिचेल ने तीसरे विकेट के लिए 181 रन जोड़कर भारत के हाथ-पैर फुला दिये थे. लेकिन तभी मोहम्मद शमी का जादू चला और भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार किसी गेंदबाज ने वनडे में सात विकेट अपने नाम किये. वास्तव में मुंबई की वह शाम, ‘शमी की शाम’ थी. उस दिन विराट ने सचिन के 49 शतकों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़कर पचासवाँ लगाया, और अपना शतक वानखेडे मे मौजूद मास्टर ब्लास्टर सचिन के नाम किया. स्टेडियम में मौजूद फुटबॉल के मशहूर खिलाड़ी डेविड बेकहम के लिए भी यह शाम यादगार बन चुकी थी. विराट ने उसी दिन किसी एक एडीशन में भी सचिन के 673 रन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. रोहित ने छक्कों के मामले मे क्रिस गेल के रिकॉर्ड को तोड़ा. रोहित ने 29 गेंदों पर 47 रन बनाकर भारत के लिए जीत का मंच तैयार किया. फिर शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर और बीच में केएल राहुल ने धुआंधार खेलकर सुरक्षित स्कोर का ताना बाना बुना. अय्यर का 105 रन का तूफ़ानी शतक आया और गिल क्रैंप की वजह से दोबारा बल्लेबाजी करते हुए 80 पर नाबाद रहे.