
निराला समाज टीम जयपुर

यूनेस्कों की ओर से वर्ल्डक्लास हैरिटेज सिटी का दर्जा भारत के पैरिस कहे जाने वाले गुलाबी नगरी से कभी भी छिना जा सकता है। चारदीवारी के भीतर तंग गलियों में पारम्परिक तरीके से बने जयपुर की बसावट के समय के मकानात को हाईटेक व्यावसायिक ईमारतों में बदला जा रहा है। एक के बाए एक भवन आवासीय की जगह व्यावसायिक रूप लेते जा रहे हैं। शहर के हैरिटेज के लिए कौन दीमक बना हुआ है। इसकी गहराई नापने के लिए न तो कोई सरकारी मशीनरी सक्रिय है और न ही कोई ऐसा दबंग अधिकारी जो वैध के नाम पर हो रहे अवैध निर्माणों पर नकैल डालने की जोखिम उठा सकें।

शहर के मूल स्वरूप को बरकरार रखने के लिए हैरिटेज नगर निगम के तीन जोन किशनपोल,हवामहल और आदर्श नगर सहित क्षेत्रीय थाने भी जवाबदेह है। इसके अलाव नगर निगम का सतर्कता महकमा भी इन अवैध निर्माणों पर अकुंश लगाकर हैरिटेज को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्व है लेकिन इन पर लगाम लगने के बजाय पंख ही लगते जा रहे हैं और शनै: शनै: शहर की हैरिटेज विरासत को लील रहे हैं।

अब जब इन अवैध निर्माणों पर लगाम लगाने में असमर्थ है हमारी सरकारी एजेंसियां तो कम से कम यह निर्माण परेशानी का सबक तो न बने। आज जो भी निर्माण आवासीय के नाम पर हो रहे हैं,उनमें से किसी में भी पार्किंग सुविधा नहीं है।जिसके चलते एक व्यावसायिक परिसर पर आने वाले 100-50 वाहनों की पार्किंग सुबह 10 बजे से लेकर देर रात तक सड़कों पर रहती है और दिन भर जाम के हालात लगे रहते हैं। रिहायशी लोगों के लिए दिन प्रतिदिन कुकरमुत्ते की तरह पैदा हो रहे व्यावसायिक परिसरों से उपजे हालात आपातकालीन हालात में कोढ़ में खाज का काम करते हैं।इमरजेंसी सेवाएं हाथ खड़े कर देती है।

आला अधिकारी वातानुकूलित कमरों से बाहर निकलकर इसके प्रति सजग नहीं रहे तो कोई बड़ी बात नहीं भारत के पैरिस गुलाबी नगरी के हाथ से यूनेस्कों की सूची में शामिल वर्ल्ड क्लास सिटी का तमका निकल जाए।

इस बार निराला समाज की टीम नगर निगम जोन किशनपोल के क्षेत्राधिकार में हो रही अवैध गतिविधियों को शेयर करके उन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के कान खड़े कर रहे है और आम आदमी का दर्द शेयर कर रहे है ताकि इन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के कानों में जूं रेगें और बिगड़ते हालात कुछ हद तक कंट्रोल में आ सके और मौजूदा कुर्सी पर बैठे अधिकारी कुर्सी तोड़ने तक सीमित न रहकर अपनी जवाबदेही को पारदर्शिता के साथ निभा सकें।

किशनपोल जोन के क्षेत्राधिकार में बालचंद बैद मार्ग जिसे बारह गण्गौर का रास्ता के नाम से भी जाना जाता है। इसमें बौहरा जी की गली है।इस गली में आवासीय के नाम पर निर्माणकर्ता ने एक के बाद एक करके तीन व्यावसायिक परिसर खड़े कर दिए। इन परिसरों में न फायर इक्युमेंट है और न ही पार्किंग की जगह। इस गली से रास्ता रामलला जी का रास्ता में भी निकलता है लेकिन निर्माणकर्ता ने आम रास्ता जो कि सरकारी है पर चबूतरा बनाकर बंद कर दिया।

सौथली वालों का रास्ता में बारह गणगौर चौराहा पर शरदचंद हैमचंद गोलछा के मकान नम्बर 1839 को आवासीय की जगह व्यावसायिक बना दिया गया है। निर्माणकर्ता ने इस निर्माण में दो दर्जन से ज्यादा दुकाने बनावाई है। अब दो दर्जन से ज्यादा बनी इन दुकानों और आफिसों को लेकर देखा जाए तो एक पर चार के रेसे से प्रतिदिन सौ से ज्यादा दुपहिया वाहनों का अतिक्रमण सरकारी सड़क पर होगा और आवाजाही के साथ आपातकालीन सेवा भी प्रभावित होगी। इतना ही नहीं बल्कि सरकारी जमीन पर निर्माणकर्ता ने बिजली का निजी ट्रांसफार्मर का बाक्स भी लगवा लिया लेकिन जवाबदेह महकमें की खामोशी आसपास के बाशिन्दों को हैरत में डाले हैं। इसी के सामने एक और व्यावसायिक परिसर निर्माणाधीन है। यह परिसर पीछे की साईड में कप्तान जी की गली तक फैला हुआ है। परिसर की कुर्सी का स्वरूप इस तरह का है कि पार्किंग के नाम पर साईकल भी खड़ी नहीं की जा सकती। इस परिसर के अस्तित्व में आने पर करीब तीन चार दर्जन दुपहिया वाहनों की पार्किंग लोगों के लिए नासुर बन जाएगी यह किसी से छुपा नहीं है लेकिन निगम कार्यवाही के नाम पर आमने सामने के दोनों परिसरों के हालात ठन ठन लाल मदल गोपाल जैसे है,जिससे निर्माणकर्ता के हौसले रात दिन बुलंद हैं।

पितलियों का रास्ता, जौहरी बाजार में गत दिनों फरवरी माह में खानापूर्ति के लिए मकान सं. 1410 को 180 दिन के लिए सीज किया। इस दिन किशनपोल जोन आयुक्त की ओर से 7 अन्य और निर्माण भी अवैध मानते हुए सीज किए गए लेकिन 1410 के पास ही चल रहे भव्य अवैध निर्माण जो कि 1416 में हैरिटेज परिसर को नष्ट कर किया जा रहा है उस पर क्यों निगम महरबान रहा इसका जवाब किसी के पास नहीं है और आसपास के बाशिन्दों की नजर में यह सवाल आज भी किशनपोल जोन की इकतरफा कार्यवाई को लेकर सवालिया बना हुआ है।

बापू बाजार लिंक रोड पर टोक काम्पलैक्स के सामने हाल ही दो अवैध निर्माण आवासीय के नाम पर हुए है। इनमें से एक में तो व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो चुकी और दूसरे में कब भी शुरू हो सकती है।जिसमें व्यावसायिक गतिविधियां शुरू होनी बाकी है वह निर्माण है पूर्व पार्षद का। इन्ही के पड़ोस में वर्तमान पार्षद का मकान है ।
पब्लिक है सब जानती है कि किशनपोल जोन के साथ अन्य जोन में हो रहे निर्माण बेखौफ क्यों और कैसे हो रहे है और किन – किन लोगों की इसमें भागेदारी है। इसे रोकना किसी के बस की बात नहीं। क्योंकि यह अवैध निर्माण अब शिष्टाचार बन चुका है।
मूल -भूत सुविधाओं का हनन न हो- शहर में हमने महज इस अंक में चौकड़ी विश्चेश्वर जी का आईना सामने रखा है। आम आदमी की तरफ से आला अधिकारियों को सजग किया है ताकि वे वातानुकूलित कमरों से बाहर निकले और पब्लिक की मूलभूत सुविधाओं पार्किंग एवं आपातकालीन सेवाओं के दर्द को समझे और उससे उसे निजात दिलाने के लिए सख्त से सख्त कार्यवाई करें।
अभिषेक सुराणा,आयुक्त, नगर निगम हैरिटेज जयपुर।
पूजा मीणा, उपायुक्त, किशनपोल जोन,नगर निगम हैरिटेज जयपुर।
जवाबदेह विधायक किशनपोल ,अमीन कागजी।
जवाबदेह पार्षद, अमर गुर्जर।