वो 5 कारण, जिनकी वजह से नागपुर से लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा रही कांग्रेस
नई दिल्ली. देश में होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी और अपने अभियान का आगाज करते हुए कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को बड़ी रैली ‘हैं तैयार हम’ महाराष्ट्र के नागपुर में की. इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई नेता शामिल हुए. दरअसल इसके पीछे 5 बड़े कारण हैं जिसकी वजह से कांग्रेस नागपुर रैली से लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा रही है. इस रैली के लिए कांग्रेस ने अपने 139वें स्थापना दिवस का खास दिन भी चुना.
इस रैली में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ‘हैं तैयार हम’ रैली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “देश में विचारधारा की लड़ाई चल रही है, लोगों को लगता है कि यह राजनैतिक लड़ाई है, जो सही है लेकिन इस लड़ाई की नींव विचारधारा है. बहुत सारी पार्टियां एनडीए और INDIA गठबंधन में है लेकिन लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच है.”
‘भारत जोड़ो ग्राउंड’ में कांग्रेस की बड़ी रैली ‘हैं तैयार हम’
कांग्रेस का कहना है कि यह रैली देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए है. वहीं रैली का स्थान नागपुर के दिघोरी नाका क्षेत्र में स्थित है, जिसे कांग्रेस ने राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के संदर्भ में ‘भारत जोड़ो ग्राउंड’ करार दिया है. देश का भौगोलिक केंद्र माने जाने वाले महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी नागपुर में स्थित है.
1920 में हुआ था कांग्रेस का नागपुर अधिवेशन
नागपुर से कांग्रेस के ऐतिहासिक संबंध रहे हैं जो भारत की आज़ादी से पहले के हैं. दिसंबर 1920 में आयोजित कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में महात्मा गांधी के नेतृत्व में पार्टी ने अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन शुरू करने का स्पष्ट आह्वान किया था. इसी अधिवेशन में AICC और CWC का गठन हुआ था. स्वतंत्रता के बाद, 1959 में आयोजित कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में इंदिरा गांधी को एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुना गया था. नागपुर हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है. आपातकाल के दौरान समाजवादी आइकन जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में “इंदिरा हटाओ, देश बचाओ” आंदोलन के दौरान भी, कांग्रेस ने नागपुर में अपना मैदान बरकरार रखा था और उसके बाद 1980 से 2019 तक, बीजेपी केवल तीन बार – 1996, 2014 और 2019 में नागपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल कर पाई है.
नागपुर में है आरएसएस मुख्यालय
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय नागपुर में है, जहां इसकी स्थापना 1925 में शहर के डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी. आरएसएस भाजपा और कई अन्य सहयोगियों का वैचारिक स्रोत है. महाराष्ट्र भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, जो नागपुर से आते हैं, ने आरएसएस को “भाजपा का पावर हाउस” बताया है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने कहा है कि वह महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेताओं द्वारा बनाए गए संविधान द्वारा परिकल्पित ‘भारत के विचार’ पर दावा करने के लिए भाजपा-आरएसएस के साथ एक वैचारिक लड़ाई में लगी हुई है.
नागपुर में है अम्बेडकर की दीक्षाभूमि
नागपुर में ही बीआर अंबेडकर ने 14 अक्टूबर, 1956 को दशहरा के दिन अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था. इस ऐतिहासिक स्थल पर दीक्षाभूमि नामक एक स्मारक है. कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि पार्टी ने वैचारिक कारण से गुरुवार की रैली के लिए नागपुर को चुना है क्योंकि “यह शहर आरएसएस और संविधान के प्रमुख वास्तुकार दोनों की विचारधाराओं को प्रतिबिंबित करता है”.
जब इंदिरा गांधी ने नागपुर में रैली की थी तो…
लोकसभा चुनाव 2024 की चुनौतियों को देखते हुए कांग्रेस अपनी नागपुर रैली से बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर आशान्वित है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी ने नागपुर में रैली की थी, जिससे पार्टी के लिए विदर्भ की सभी सीटें जीतने का रास्ता साफ हो गया था. उनका दावा है कि पार्टी की गुरुवार की रैली देश की राजनीति में एक ‘बड़े बदलाव’ की शुरुआत करेगी.
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FIRST PUBLISHED : December 28, 2023, 19:09 IST