Rajasthan

व्यायाम बढ़ाकर प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 35% घटा सकते हैं: अध्ययन

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि हर साल फिटनेस स्तर को 3% या उससे अधिक बढ़ाने से प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा 35% तक कम हो सकता है। यह शोध ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है।

अध्ययन में 57,652 पुरुषों को शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने उनकी शारीरिक गतिविधि, जीवनशैली, स्वास्थ्य, शरीर का वजन और ऊंचाई के आंकड़ों को इकट्ठा किया। साथ ही, उनकी कम से कम दो कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस टेस्ट भी किए गए। इन टेस्टों में पुरुषों को एक स्थिर साइकिल पर पेडल करना होता था। जितना अधिक ऑक्सीजन उनका शरीर इस्तेमाल करता था, उतनी ही उनकी फिटनेस बेहतर मानी जाती थी।

अध्ययन के दौरान, लगभग 7 साल की अवधि में 592 पुरुषों (कुल नमूने का 1%) में प्रोस्टेट कैंसर का पता चला और 46 (0.08%) की इस बीमारी से मृत्यु हो गई।

शोधकर्ताओं का कहना है कि “फिटनेस स्तर में हर साल होने वाली वृद्धि से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 2% कम हो जाता है, लेकिन मृत्यु दर पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह आयु, शिक्षा स्तर, टेस्ट का वर्ष, वजन (बीएमआई) और धूम्रपान की आदत जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए कहा गया है।”

उन्होंने यह भी बताया कि “जिन लोगों की फिटनेस 3% या उससे अधिक प्रति वर्ष बढ़ी, उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा उन लोगों की तुलना में 35% कम था, जिनकी फिटनेस कम हो गई थी।”

हालांकि, शोधकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि यह एक अवलोकन संबंधी अध्ययन है, और इसलिए यह कारण-कार्य संबंध स्थापित नहीं कर सकता है। साथ ही, उन्होंने कहा कि आनुवंशिक कारक किसी व्यक्ति की कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस और कैंसर के खतरे दोनों में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

सार:

अध्ययन में पाया गया कि फिटनेस बढ़ाने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
हर साल फिटनेस स्तर को 3% या उससे अधिक बढ़ाने से यह खतरा 35% तक कम हो सकता है।
हालांकि, यह अध्ययन कारण-कार्य संबंध स्थापित नहीं कर सकता है।

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