Rajasthan

शिक्षा का अधिकार कानून, उम्र के नए नियमों के ‘जाल’ में फंसे लाखों बच्चे, फ्री एडमिशन से हो रहे वंचित

जयपुर. राजस्थान के प्राइवेट स्कूलों में ‘शिक्षा के अधिकार अधिनियम’ के तहत प्रवेश प्रक्रिया लगातार जारी है. लेकिन इस बार नई शिक्षा नीति के तहत नियमों में किए गए बदलाव से अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है. यह नियम बच्चों की उम्र से जुड़ा हुआ है. राजस्थान में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश प्रक्रिया 3 अप्रेल से शुरू हुई थी. इसकी अंतिम तिथि 29 अप्रेल है. राजस्थान की करीब 40 हजार प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क कोटे में चार लाख सीटें हैं.

सरकार की योजनाएं जनता को राहत देने के लिए होती है. लेकिन शिक्षा विभाग की निशुल्क शिक्षा नियम वाली योजना कागजी योजना बनकर रह गई है. शिक्षा विभाग की ओर से इसमें उम्र के नियम को लेकर किए गए बदलाव से हजारों अभिभावकों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है. हालांकि चुनावों चलते दस्तावेजों को बनाने में हुई देरी के कारण विभाग ने आवेदन की तिथि आठ दिन बढ़ा दी है. लेकिन उम्र के नियम ने परेशानी बढ़ा दी है.

इस साल आयु गणना 31 जुलाई 2024 रखी गई है
उम्र के नए तहत नियम के तहत निजी स्कूल में प्रवेश के इच्छुक बच्चों की आयु गणना की तारीख में बदलाव किया गया है. नए संशोधित नियमों के तहत अब नर्सरी कक्षा में प्रवेश के लिए आयु सीमा 3 वर्ष से अधिक और 4 वर्ष से कम होना आवश्यक है. वहीं पहली कक्षा में प्रवेश के लिए उम्र 6 वर्ष या उससे अधिक लेकिन 7 वर्ष से कम होनी चाहिए. निजी स्कूल में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं की न्यूनतम और अधिकतम आयु के लिए वर्ष 31 जुलाई 2024 की डेड लाइन तय की गई है.

पिछले साल आयु गणना मार्च 2023 रखी गई थी
अभिभावकों का कहना है कि इस नियम के कारण 1 अप्रेल 2020 से 30 जुलाई 2020 के बीच जन्म लेने वाले बच्चों का निशुल्क शिक्षा अधिकार नियम के तहत फ्री एडमिशन नहीं हो पा रहा है. पिछले साल आयु गणना मार्च 2023 रखी गई थी. वह इस बार जुलाई 2024 रखी गई है. इस नियम के चलते पिछले साल लाखों बच्चे आयु कम होने के चलते प्रवेश नहीं ले पाए थे. वहीं इस साल वो बच्चे उम्र अधिक होने के कारण आवेदन नहीं कर पा रहे हैं.

पेरेंटस वेलफेयर सोसायटी ने उठाई आवाज
ऐसे बच्चों की तादाद लाखों में हैं. वे इस योजना फायदा उठाने से वंचित रह रहे हैं. पेरेंटस वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष दिनेश कावंट ने मामले को लेकर शिक्षा विभाग के आला अफसरों को अवगत करवा दिया है. लेकिन फिलहाल मसले पर विभाग ने कोई जवाब नहीं दिया है. वहीं अभिभावक शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि नियम काम को आसान और पारदर्शी करने के लिए होते हैं लेकिन यहां तो अभिभावक परेशान हो रहे हैं.

सीटें 4 लाख और आवेदन आए केवल 1.5 लाख
शिक्षा विभाग के अनुसार 40 हजार निजी स्कूलों में निशुल्क कोटे में चार लाख सीटें हैं. लेकिन अभी तक आवदेन मात्र डेढ़ लाख की आस पास जमा हुए हैं. उम्र के नियम में हुए परिवर्तन से लाखों अभिभावक परेशान हो रहे हैं. लेकिन इस पूरे मसले पर शिक्षा विभाग का तर्क है कि नियम नई शिक्षा नीति के तहत बनाए गए हैं. इसमें वे कुछ नहीं कर सकते हैं.

Tags: Jaipur news, Rajasthan Education Department, Rajasthan news

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