शीशे में उतार 'माला' पहनाई, माल मिला न मूल
प्रॉपर्टी में निवेश करवा ठगी का मामला सामने आया है। शातिर ठगों ने बारह साल पहले ऐसा ताना-बाना बुना कि पीड़ित खुद तो उसमें फंस ही गया, साथ ही उसके कहने पर परिचित, नाते-रिश्तेदार, दोस्त भी चपेट में आ गए। सपने दिखाए थे कुछ साल में माल डबल हो जाएगा। लेकिन न मूल मिला न मोटा माल। पानी जब सिर से ऊपर गुजरा तो जालूपुरा थाने की शरण लेनी पड़ी।
वारदात का शिकार परमहंस मार्ग मानसरोवर निवासी पवन कुमार शर्मा है। पीडि़त ने पुष्पेन्द्र सिंह बघेल, रविराज, संजीव पांडेय, सरवर हुसैन, विनय सक्सैना के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है।
स्कीम क्या बताई, ठगी की गुफा दिखाई
पीडि़त ने पुलिस को बताया कि 12 साल पहले 15 जनवरी को परिचित विनोद और गोपाल सिंह उसके भरतपुर स्थित निवास पर आए थे। उन्होंने आते ही प्रॉपर्टी में निवेश की एक स्कीम बताई। उनके मुताबिक साई प्रकाश नामक एक कंपनी है जो प्रॉपर्टी में निवेश पर मोटा मुनाफा देती है। कंपनी का जयपुर स्थित संसारचन्द्र रोड पर ऑफिस है। कंपनी प्रॉपर्टी खरीद उसको डवलप करके बेचती है। निवेश करने वाले की रकम 5 से 10 साल में डबल हो जाती है। रकम नहीं लेने वालों को तय मियाद के बाद निवेशित राशि के बराबर प्रॉपर्टी दे दी जाती है। कंपनी पूरी तरह सर्टिफाइड है। झांसे में आया पीडि़त 27 जनवरी को संसारचन्द्र रोड पर आया और वहां मौजूद एमडी पुष्पेन्द्र सिंह बघेल, रविराज, संजीव पांडे, सरवर हुसैन, विनय सक्सेना, आशीष दत्ताराम से मिला।
घोटाला कर गायब
पीडि़त ने पहले तो 50 हजार रुपए खुद निवेश किए। फिर परिचित बुजुर्ग दंपती के 18 लाख 80 हजार 750 रुपए का निवेश करवा दिए। इसके अलावा दोस्त, रिश्तेदार से भी कंपनी में निवेश करवाया। वर्ष 2017 में पीडि़त और उसके परिचित निवेश की गई राशि लेने पहुंचे तो पता चला कि कंपनी ऑफिस बंद करके भाग गई और उसने पूरे देश में लाखों का घोटाला किया है।