Rajasthan

सब्जी खरीद रहे हैं या जहर ?

निराला समाज@जयपुर।वैश्विक महामारी कोरोना के चलते स्वस्थ और सजग रहने की वैधानिक चेतावनी के साथ उचित दूरी बनाए रखने का संदेश हमें निरंतर सरकारी स्तर पर मिल रहा हैं। कोरोना काल मे आप क्या खा रहे है यह भी सजगता और सतर्कता का अहम पहलू हैं। बाजार से हरी-भरी ताजा सब्जी ला रहे हैं कभी सोचा आपने वह जहर भी हो सकता हैं।ज्यादा मुनाफा कमाने के फैर मे स्वास्थ्य के लिए रामबाण कही जाने वाली हरी सब्जियों की शुद्धता पर प्रश्न चिह्न लगने लगे है और लौकी, खीरा, कद्दू बैगन टमाटर आदि सब्जियों की मांग बढ़ने पर सब्जी उत्पादक किसान सब्जियों का आकार बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाने से परहेज नही कर रहे है। यह इंजेक्शन रातों रात सब्जी के आकार को दोगुना से चारगुना बढ़ा देता है वही यह सब्जियां स्वास्थ्य पर विभिन्न बीमारियों के रुप में अपना असर छोड़ जाती है।
इस समय बाजार में हरी सब्जियों की मांग बढ़ने के साथ ही इनकी कीमत भी बढ़ती जा रही है। इसके चलते सब्जी उत्पादक भी अपना फायदा उठाने के लिए सब्जी की बेल में उक्त इंजेक्शन लगा कर रातोंरात बड़ा कर रहे है। ताकि सुबह बाजार में अच्छा धन एकत्र किया जा सके।

जानकार किसान बताते है कि इस इंजेक्शन में इतनी क्षमता है कि दो इंच की लौकी ,खीरा, कद्दू की बेल में इसके लगाने से रातोंरात सब्जी अपना पूरा रुप धारण कर लेती है। और इसकी बेल में जितने भी फल होते है। बढ़ कर तैयार हो जाते है।
प्रदेश मे ही नहीं बल्कि पूरे देश मे किसान सब्जियों को बढ़ाने के लिए इस इंजेक्शन का इस्तेमाल करके आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते आ रहे है।
अब ऐसे मे आपके लिए बाजार से सब्जी लाना एक चुनौती पूर्ण कार्य है। समझदारी इसी मे हैं कि जब भी आप बाजार में सब्जी लेने जाए तो ध्यान रखें वह अपने वास्तविक आकार से ज्यादा बडी ओर चमक-दमक लिए ना हो। मानकर चले की जरूरत से ज्यादा फैलाव लिए कोई भी सब्जी इंजेक्शन के दम पर पैदा करके आप तक पहुचाने के लिए बाजार मे आ रही हैं। किसान अब सब्जी ज्यादा हरी-भरी दिखे इसके लिए रंगों वाले रासायनिक पदार्थ भी उपयोग में लेने लगे हैं।

जयपुर के आसपास एरियानुसार सब्जी की पैदावार :

  • शाहपुरा क्षेत्र में मिर्च व टमाटर।
  • विराटनगर व पावटा में बैंगन, खीरा, तुरई, टिण्डा, लोकी व कद्दू।
  • कोटपूतली में टमाटर, मिर्च, भिंडी, तरबूज व खरबूजा।
  • जमवारामगढ़ में टिण्डा, मिर्च, टमाटर, ग्वार फली, भिंडी, तरबूज व खरबूजा।
  • बस्सी क्षेत्र में टमाटर, लौकी, भिण्डी, करेला, मिर्च तथा बेल वाली सब्जियां होती हैं।
  • रायसर क्षेत्र में लौकी, करेला, तुरई, ग्वार फली, ककड़ी आदि बोई जाती हैं।
  • चाकसू के जयसिंहपुरा, शीतलामाता में टिंडा व भिण्डी, छांदेल, गरूडवासी, बापुगांव, बडौदिया, कादेडा में लौकी, कद्दू, करेला, टमाटर अधिक पैदा होता है।

क्या कहते हैं चिकित्सक :

वैसे तो यह इंजेक्शन प्रतिबंधित है। यदि इस इंजेक्शन का प्रयोग सब्जियों को बढ़ाने में किया जाता है तो इंजेक्शन के असर वाली सब्जियां स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।
इसके असर से पेट की पाचन क्रिया बिगड़ जाती है। भूख कम हो जाती है। आंखों के आगे अंधेरा सा छाने लगता है। त्वचा में कई प्रकार की बीमारियां हो जाती है। आंतों की बीमारियां भी होने का खतरा रहता है।
डॉक्टर बलराम शर्मा
एसोसिएट प्रोफेसर,
सवाई मानसिंह मेडिकल कालेज जयपुर।

बाजार मे 90 प्रतिशत सब्जी हाईब्रिड की उपलब्ध हैं ऐसे मे स्वास्थ्य अनुकूल सब्जी का चयन आसान प्रक्रिया नहीं है, बेहतर हैं लोग जेनरिक सब्जियों का उत्पादन घरों पर शुरू करें। यह किंचन गार्डन छोटी सी जगह पर विकसित किया जा सकता हैं और लोग अपने अनुसार कम सार संभाल मे शुद्ध सब्जी का उत्पादन रोजमर्रा के हिसाब से करके गंभीर बिमारियों से अपने आप को बचाते हुए सजग सतर्क स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
डाक्टर दिनेश द्विवेदी (सर्जन)
पूर्व अतिरिक्त अधीक्षक
सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj