Rajasthan

सम्मेलन के जरिए शैक्षिक समस्याओं पर चिंतन

दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलनों का आगाज
जयपुर। कोविड संक्रमण के लंबे अंतराल बाद शिक्षकों की व्यक्तिगत विभागीय समस्याओं पर चर्चा कर उनका निराकरण करने व बालकों की शिक्षा में नवाचारों के प्रयोग के लिए शैक्षिक सम्मेलनों का आगाज सोमवार से हुआ। विभिन्न शिक्षक संगठनों ने अपने अपने स्तर पर सम्मेलनों का आयोजन किया।

सोमवार को राधाकृष्णन शिक्षक संघ और शिक्षिका सेना का जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन बापू नगर स्थित विनोबा ज्ञान मंदिर में शुरू हुआ, जहां शिक्षकों की समस्याओं और शिक्षार्थी के हित पर चर्चा की गई। विशिष्ट अतिथि प्रवीण अग्निहोत्री, रमा देवी शर्मा,निशा भार्गव शकुंतला मीणा, खगेंद्र, महेंद्र मोहन बागड़ा रहे।

शिक्षक पढ़ता भी है पढ़ाता भी है: हेतु भारद्वाज
शिक्षक संगठन अरस्तु का सम्मेलन सोडाला स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किया गया।उद्घाटन सत्र में प्रो. हेतु भार्दवाज ने कहा कि शिक्षक ऐसा कार्मिक है जो पढ़ता भी पढ़ाता भी है। जिला अध्यक्ष देवकरण गुर्जर ने संगठनात्मक जानकारी दी और सम्मेलन का महत्व बताया। सम्मेलन की अध्यक्षता करने वाले रामकृष्ण अग्रवाल ने कहा कि संगठन बिना भेदभाव के शिक्षक समस्याओं का निदान करवाता है। तबादला में भ्रष्टाचार तभी समाप्त होगा जब तबादला नियम बनाने न की नीति।

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जल्द होगा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान: सोलंकी
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ जिला शाखा जयपुर का सम्मेलन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शिवदासपुरा में शुरू हुआ। सम्मेलन में मुख्य अतिथि चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, नगर पालिका चेयरमैन कमलेश बैरवा, भामाशाह शिवप्रताप हरसाना, जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश मीणा और संघ के प्रदेशाध्यक्ष शशिभूषण शर्मा एवं महामंत्री महेंद्र पांडे रहे। विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने शिक्षकों की समस्याओं के शीघ्र निस्तारण की बात कही संघ की ओर से पुरानी पेंशन लागू करने वेतन विसंगति दूर करने प्रमोशन भर्ती व्यवस्था को ठीक करने आदि के लिए उन्होंने शिक्षकों को आश्वासन दिया। जिला अध्यक्ष रामस्वरूप गुर्जर तथा जिला मंत्री सुरेंद्र सिंह ने सभी शिक्षकों का आभार प्रकट किया। सम्मेलनों के लिए विभिन्न शिक्षक संगठनों अपने अपने मुद्दे तैयार कर लिए हैं, उन मुद्दों पर इन सम्मेलनों में चर्चा की जाएगी और फिर उस पर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जाएगा और सरकार ने उन मांगों को पूरा करने की मांग की जाएगी।
इन मुद्दों पर की गई चर्चा
सामंत कमेटी की रिपोर्ट लागू की जाए।
नवीन पेंशन योजना बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए
२००८-०९ और २०२१-१३ के शिक्षकों की १७९०० की वेतन विसंगति दूर की जाए
शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जाए।
२०२१-१३ में अधिक अंकों वाले बाद में नियुक्त शिक्षकों को प्रोबेशन में पूरा वेतन मिले।
अध्यापक बनाए गए प्रशिक्षित प्रयोगशाला सहायकों को शिक्षकों के समान ४२००, ४८००,५४०० एसीपी दिया जाए।
छठी कक्षा से कम्प्यूटर शिक्षा अनिवार्य की जाए।
शिक्षक संगठनों से मांग पत्र पर वार्ता आरंभ की जाए
प्रथम श्रेणी में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के नियम बनाए जाए
प्रथम श्रेणी में विशेष शिक्षकों नियुक्ति के नियम बनाए जाएं।
शिक्षकों के बकाया टीए मेडिकल का भुगतान करवाया जाए
वेतनमान में पै स्टैप अप का प्रावधान बंद किया जाए, जिससे वरिष्ठ का वेतन कनिष्ठ के बराबर हो सके
प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में भेजने की प्रक्रिया को स्वैच्छिक किया जाए।
स्थाई स्थानांतरण नीति बनाकर लागू की जाए
उप प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति की जाए लेकिन माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पदों को समाप्त नहीं किया जाए।
वेतन विसंगति दूर की जाए
ऑनलाइन प्रशिक्षण से मुक्त कर ऑफलाइन प्रशिक्षण दिया जाए।
संपूर्ण बोनस नगद दिया जाए। 8 छात्र संख्या अनुपात में शिक्षकों के पद स्वीकृत किए जाएं।
सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढ़ता जा रहा है इसलिए छात्र हित को ध्यान में रखते हुए संकाय वह भवन निर्माण की ओर भी ध्यान दिया जाये।
यूजी व पीजी में एक विषय होने पर पुन: विचार किया जाए।

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