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सर्दी में ठिठुरते बेघर शख्‍स को आप भी पहुंचा सकते हैं द‍िल्‍ली के शेल्‍टर होम, जान लें न‍ियम

दिल्‍ली में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. हालांकि इतनी ठंड में भी आपको सड़कों के किनारे रहने को मजबूर ऐसे बहुत सारे लोग मिल जाएंगे, जिनके पास न खाने के पैसे हैं और और न ही भीषण ठंड में रात काटने के लिए कोई छत. उसे देखकर आपका मन भी करता होगा कि उसकी कुछ मदद की जाए या उसे दिल्‍ली में जगह-जगह मौजूद शेल्‍टर होम में रख दिया जाए जहां उसे सोने के लिए बिस्‍तर और खाने के लिए रोटी मिल सके लेकिन अगर आप भी न‍ियम-कानून पता न होने के चलते मदद नहीं कर पा रहे हैं, तो आइए आपको बताते हैं द‍िल्‍ली के रैन बसेरों या शेल्‍टर होम होम में आसरा लेने के क्‍या न‍ियम हैं..

दिल्‍ली अर्बन शेल्‍टर इंम्‍प्रूवमेंट बोर्ड द‍िल्‍ली के तहत आने वाले मोरी गेट स्थित स्‍थाई शेल्‍टर होम के मैनेजर शैलेंद्र स‍िंह बताते हैं क‍ि द‍िल्‍ली में करीब 198 शेल्‍टर होम्‍स हैं जो दूसिब के अंतर्गत आते हैं. ये सभी स्‍थाई हैं, कुछ की बिल्‍डिंग बनी है तो कुछ पोर्टा केबिन की तरह बने हैं. ये सभी शेल्‍टर होम्‍स के साल के 12 महीने चालू रहते हैं. वहीं सर्दी के मौसम में खासतौर पर अस्‍थाई रैन बसेरों के रूप में दूसिब टेंट पगोडा लगाती है. यह 20 बेड का एक शेल्‍टर बनता है. ये दिसंबर से 15 मार्च तक चालू रहते हैं.

सिंह कहते हैं कि जहां तक इनमें सोने के लिए आने वाले लोगों की एंट्री की बात है तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि सर्दी में कोई भी व्‍यक्ति अगर शेल्‍टर होम्‍स में शरण मांगने आता है तो उसे रैन बसेरे में रखा जाएगा, उसे वापस नहीं किया जाएगा. शेल्‍टर होम में आने वाले लोगों से कोई भी आईडी दिखाने को कहा जाता है, जो आधार हो सकता है लेकिन अगर उसके पास कोई भी आई डी प्रूफ नहीं होता तो भी उसे रैन बसेरे में रखना होता है.

शैलेंद्र कहते हैं कि दूसिब की गाइडलाइंस के अनुसार अगर किसी व्‍यक्ति की गतिविध संदग्धि लग रही हैं तो एक बार नजदीकी पुलिस स्‍टेशन में संपर्क कर उस व्‍यक्ति की वेरिफिकेशन करा ली जाती है. हालांकि रैन बसेरे में शरण लेने के लिए आधार या कोई डॉक्‍यूमेंट दिखाना अन‍िवार्य नहीं है.

ऐसे में अगर किसी को भी कोई व्‍यक्ति सड़क पर ठंड में ठिठुरता मिले तो उसे दिल्‍ली में किसी भी नजदीकी शेल्‍टर होम तक पहुंचा सकते हैं. इसके लिए किसी विशेष प्रक्रिया की जरूरत नहीं है.

Tags: Delhi news, Night shelter helpline number

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