राजस्थान विधानसभा में आया गहलोत—पायलट की लड़ाई का मामला..
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र जारी है। इस दौरान विधानसभा में कांग्रेस भाजपा आमने सामने है। विधानसभा में मंगलवार को विधायक बलवान पूनियां ने कहा कि अगर उल्फत इधर घणी है तो सवेरा रोशन इधर भी नहीं है। अगर गहलोत सचिन की लड़ाई है तो राजीनामा भाजपा में भी कोई ज्यादा नहीं है। इसके बाद उन्होंने कहा कि आजकल राठौड़ साहब पुराने बुढ़े हो गए है। इससे पहले बलवान पूनियां ने कहा कि पांच साल पहले भाजपा कार्यकाल में आनंदपाल एनकांउटर जैसे मामले आएं। भाजपा ने प्रदेश में 18 हजार स्कूलों को बंद कर दिया। जबकि आज बात करे तो शिक्षा, चिकित्सा या किसी भी वर्ग में लोगों को लाभ मिला है। पहले इलाज के लिए लोगों को विधायक, सांसद की सिफारिश करानी पड़ती थी। लेकिन अब चिरंजीवी योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है। लोेगों को सिफारिश कराने की जरूरत नहीं पड़ रहीं है। पूनियां ने सरकार से मांग की विकलांगों की पेंशन बढ़ाकर पांच हजार रुपए प्रतिमाह की जाएं। साथ ही फसल बीमा में साल 2021 में जो फ्रॉड हुआ, उसके आरोपियों को जेल भेजा जाएं।
इससे पहले विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि गहलोत सरकार ने चार साल में हर वर्ग के लिए योजनाएं लाने का काम किया है। हर वर्ग को इससे फायदा मिला है। अगर चिरंजीवी योजना की बात करे तो देशभर में इसकी तारीफ हुई है। लेकिन भाजपा की ओर से कभी चिरंजीवी योेजना या अन्य योजनाओं की तारीफ नहीं की जाती है। क्या चिरंजीवी योजना का लाभ भाजपा वालों को नहीं मिलता है। आज रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या कहीं पर भी चले जाएं तो आठ रुपए में आदमी खाना खा लेता है। ऐसी योजनाएं राजस्थान में चल रहीं है। लेकिन भाजपा की ओर से सिर्फ कटाक्ष किया जाता है। अच्छी योजनाओं की तारीफ नहीं की जाती है।