Rajasthan

सिर्फ गाय के दूध से बनती है ये बेहद खास मिठाई, 15 दिनों तक नहीं होती खराब, विदेशों में भी डिमांड

रविंद्र कुमार/झुंझुनूं. झुंझुनूं में काफी क्षेत्र अलग-अलग चीजों के लिए प्रसिद्ध हैं. जिसमें चिड़ावा के पेड़े, मंडावा की हवेलियां, नवलगढ़ की चित्रकारी शामिल है. वहीं नवलगढ़ सिकाई की राजभोग भी अपनी अलग एक पहचान रखता है. नवलगढ़ ही एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर सबसे पहले सिकाई के राजभोग बनने शुरू हुए. इसका स्वाद ऐसा है कि लोग दूर-दराज से इन्हें खरीदने आते हैं. खाड़ी देशों में रहने वाले लोग भी अपने साथ में इन्हें लेकर जाते हैं.

इकाई के राजभोग के स्वाद व खासियत जानने के लिए न्यूज़ एटिन की टीम बाबूलाल हलवाई की दुकान पर पहुंची. जहां सिकाई के राजभोग बनाए जा रहे थे, बाबूलाल ने बताया कि ये राजभोग सिर्फ गाय के दूध से ही बनाए जाते हैं. इनमें किसी भी प्रकार के केमिकल रंग का प्रयोग नहीं किया जाता है. बनाने से पूर्व इन राजभोग का रंग सफेद होता है. जब यह बनके तैयार होते हैं तो इनका रंग भूरा हो जाता है. सिर्फ गाय के दूध से ही बनाए जाने के पीछे हलवाई ने सबसे प्रमुख वजह बताई कि एक तो गाय के दूध में फैट बहुत कम होता है. दूसरा गाय के दूध में स्पंज की मात्रा अधिक होती है. जिस से सिकाई की समय यह राजभोग टूटते नहीं है बल्कि मजबूत बनता जाता है.

ऐसे बनाते हैं रोजभोग
सिकाई के राजभोग बनाने के लिए सबसे पहले गाय के दूध को फाड़ा जाता है. फिर उनके गोल-गोल टिक्की तैयार किए जाते हैं. उसके बाद चासनी को तैयार करके उस चासनी में तब तक इनकी सिकाई की जाती है. जब तक इन का रंग भूरा ना हो जाए.

क्या है कीमत
बाबूलाल हलवाई के बेटे महेंद्र ने बताया कि उनके पिताजी लगभग 70 साल से यह काम कर रहे है. बाबूलाल हलवाई को सिकाई की राजभोग के अलावा केसर बाटी को बनाने में भी महारथ हासिल है. सिकाई कर राजभोग लोगों को पसंद आने के पीछे सबसे मुख्य वजह यह भी है कि यह राजभोग सिर्फ दूध और चासनी से ही बनाए जाते हैं. इनमें किसी भी प्रकार का तेल केमिकल या अन्य कोई सामग्री वह काम में नहीं ली जाती है. यह राजभोग ₹18 पर पीस के हिसाब से मार्केट में मिलते हैं.

जल्दी खराब नहीं होते राजभोग
गर्मियों की समय में सामान्यतः रखने पर 3 से 4 दिन तक यह राजभोग खराब नहीं होता है. सर्दियों में 10 से 15 दिन तक यह राजभोग खराब नहीं होता और ठंडी जगह रखे तो कई दिन तक आराम से इसे काम में लिया जा सकता है.

Tags: Food 18, Local18

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj