सीएए के समर्थन में उतरा यह मुस्लिम संगठन, बयान जारी कर कहा इसे लेकर डर फैलाया जा रहा | Muslim Mahasabha comes out in support of CAA, says its wrong to spread fear
महासभा के अध्यक्ष सैयद साहेब आलम ने कहा कि कानून के लागू होने से हमें कोई परेशानी नहीं है। दूसरे देशों से प्रताडि़त होकर भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता मिलती है तो यह अच्छी बात है। आलम ने आगे कहा कि मुसलमानों को सीएए से डरने की जरूरत नहीं है। इस कानून से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह एनआरसी के नाम पर मुसलमानों के बीच डर पैदा किया जा रहा था, वैसा ही डर सीएए को लेकर पैदा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुसलमान एनआरसी का खुलकर विरोध कर रहा है, न की सीएए का।
जमात-ए-इस्लामी-हिंद ने किया विरोध
सीएए की अधिसूचना जारी होने के बाद जमात-ए-इस्लामी-हिंद ने इसका खुलकर विरोध किया था। संगठन के अध्यक्ष नाजीमुद्दीन ने कहा था कि इस अधिनियम को लागू कर केंद्र सरकार लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं और सरकार का पूरा ध्यान इसपर है कि किस तरह समाज को बांट कर चुनाव जीता जाए। भाजपा विकास के मुद्दों से ध्यान हटाकर धार्मिक मुद्दों पर चुनाव लड़कर जीत हासिल कर फिर से सत्ता में आना चाहती है। सरकार ने नारा दिया था ‘सबका साथ, सबका विकास’, जो खोखला साबित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नागरिक संशोधन विधेयक को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था।
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बयान जारी कर कहा था कि इस विधेयक से किसी को डरने की जरूरत नहीं है, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के जरिए लोगों को नागरिकता दी जाएगी, न की किसी की नागरिकता छिनी जाएगी। हालांकि, विधेयक में कई खामियां बताते हुए कई राजनैतिक दल और संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं।