सीबीआई फाटक पर मिला लेपर्ड का शव | leopard dead body

जगतपुरा में सीबीआई फाटक के पास लेपर्ड की पुरानी लाश मिलने का मामला सामने आया है। वन विभाग के अधिकारियों ने ट्रेन से टकराकर लेपर्ड की मौत होने का अंदेशा जताया है और लाश आठ दस दिन पुरानी लग रही है।
जयपुर
Published: December 21, 2021 12:49:52 am
पोस्टमार्टम से होगा मौत के कारणों का खुलासा
शव के आठ से दस पुरानी होने की संभावना
जयपुर
जगतपुरा में सीबीआई फाटक के पास लेपर्ड की पुरानी लाश मिलने का मामला सामने आया है। वन विभाग के अधिकारियों ने ट्रेन से टकराकर लेपर्ड की मौत होने का अंदेशा जताया है और लाश आठ दस दिन पुरानी लग रही है। स्थानीय लोगों की सूचना पर वन विभाग ने लेपर्ड की बॉडी को मौके से उठाया। विभाग का मेडिकल बोर्ड अब लेपर्ड के शव का पोस्टमार्टम करेगा जिससे मौत के कारणों का खुलासा हो सके। पिछले तीन में लेपर्ड की मौत का यह दूसरा मामला है। दो दिन पूर्व स्मृति वन में एक शावक की मौत हो गई थी वहीं रविवार को सुल्तान अपना घर छोड़ कर आबादी क्षेत्र में आ गया था जिसके चलते उसे अपना घर छोड़कर अब जमवारामगढ़ वन क्षेत्र में अपना नया बसेरा बनाना पड़ रहा है। लेपर्ड का शव मिलने से वन्यजीव प्रेमियों में निराशा का माहौल है।

सीबीआई फाटक पर मिला लेपर्ड का शव
354 लोगों ने लगवाई वैक्सीन
जयपुर।
श्री श्याम भजन संध्या परिवार सेवा समिति जयपुर और अखिल भारतीय खंडेलवाल वैश्य महासभा की ओर से निशुल्क वेक्सीनेशन कैम्प इंस्टीट्यूट् ऑफ इंफेक्शस डीजिज में लगाया गया। कैम्प में 354 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री श्याम भजन संध्या परिवार के अध्यक्ष सुरेश पाटोदिया, अखिल भारतीय खण्डेलवाल वैश्य महासभा के अध्यक्ष रमेश तूंगावाला ने की। जबकि कैम्प का उद्घाटन एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने किया। कैम्प की प्रभारी ओ पी बड़ाया, और उमेश रावत थे।
बौद्धिक संपदा पर कार्यशाला का आयोजन
रामबाग स्थित एसएस जैन सुबोध पीजी महिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरुकता मिशन एनआईपीएएम के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें सहायक नियंत्रक पेटेंट और डिजाइन डॉ. जितेंद्र शर्मा ने छात्राओं को बौद्धिक संपदा अधिकार और इसके कुशल प्रबंधन की जानकारी देकर जागरुक किया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रेनू जोशी ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया और कार्यक्रम की संयोजिका डॉ.सुनीता गजावत,डॉ. मंजू बाघमार और डॉ.शचि शर्मा ने कार्यशाला का कुशल प्रबंधन कर धन्यवाद दिया।
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