Rajasthan

सील में डील : सरकार की सख्ती के बाद जेडीए का सर्वे, 83 में से 82 हैं आज भी “सीलबंद” | Seal Deal Jda Survey Illigal Buildings Udh Shanti Dhariwal

‘सील में डील’…। जेडीए और नगर निगम के अफसरों पर कुछ इसी तरीके आरोप हमेशा लगते आए हैं। इन्हीं आरोपों की शिकायतों के बाद जेडीए ने सील इमारतों का सर्वे शुरू कराया है।

जयपुर

Updated: January 09, 2022 06:57:51 pm

जयपुर। ‘सील में डील’…। जेडीए और नगर निगम के अफसरों पर कुछ इसी तरीके आरोप हमेशा लगते आए हैं। इन्हीं आरोपों की शिकायतों के बाद जेडीए ने सील इमारतों का सर्वे शुरू कराया है। वर्ष 2019, 2020 और 2021 में जेडीए ने कुल 83 इमारतों को सील किया था, जिसमें 82 इमारतों पर आज भी सील लगी हुई है। अब जल्द ही 2019 से पहले सील की गई इमारतों का सर्वे करवाया जाएगा।

सील में डील : सरकार की सख्ती के बाद जेडीए का सर्वे, 83 में से 82 हैं आज भी

सील में डील : सरकार की सख्ती के बाद जेडीए का सर्वे, 83 में से 82 हैं आज भी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की सख्ती के बाद जेडीए ने यह सर्वे कराया है। सरकार के पास लगातार सील इमारतों में गुपचुप तरीके से निर्माण की शिकायतें आती हैं। इस पर जेडीए ने 2019 स 2021 तक की सील इमारतों का सर्वे कराकर मौका स्थिति का पता लगाया है। इसमें 83 इमारतों को सील किया गया था। जिसमें 82 पर आज भी सल लगी हुई है। केवल स्वर्ण विहार स्थित एक इमारत की सील तोड़ी गई थी, जिस पर जेडीए ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है। आपको बता दें कि नगर निगम और जेडीए की ओर से इमारतों को सील कर दिया जाता है, लेकिन प्रभावी मॉनिटरिंग के अभाव और मिलीभगत के चलते कई बार इन इमारतों की सील को तोड़कर निर्माण कार्य शुरू हो जाता है। इस सच्चाई का पता लगाने के लिए ही यह सर्वे कराया गया है।

यूं सौपा था काम जेडीए की प्रवर्तन शाखा के उप नियंत्रक प्रवर्तन को अपने—अपने क्षेत्र में सील इमारतों के भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई थी। इनकी रिपोर्ट के आधार पर यह सच्चाई सामने आई है। अधिकारियों का कहना है कि समय—समय पर सील इमारतों की जांच की जाती है। जिसकी वजह से इमारतों की सील अब तक कायम हैं।

newsletter

अगली खबर

right-arrow

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj