सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के विरोध में बार एसोसिएशन, कहा- सोमवार को काम नहीं करेंगे
नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) ने गुरुवार को कहा कि हाई कोर्ट के जज जस्टिस गौरांग कंठ को कलकत्ता ट्रांसफर करने का प्रस्ताव दिया गया है. यह स्थानांतरण एक दुर्लभतम मामला है. इसको लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से अपने सदस्यों से सोमवार को काम से दूर रहने का अनुरोध करने का निर्णय लिया है. एसोसिएशन के कहा है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) की सिफारिश को लेकर गंभीर चिंता है.
बार एसोसिएशन ने एक रिजोल्यूशन पास करते हुए कहा है कि ,ऐसी सिफारिश का कड़ा विरोध करना चाहिए क्योंकि इस तरह के स्थानांतरण के परिणामस्वरूप न्याय वितरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. कहा गया है कि न्यायाधीशों की मौजूदा संख्या में कमी की जाएगी. अफसोस की बात है कि भरने की प्रक्रिया को लेकर सभी संबंधितों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. दिल्ली उच्च न्यायालय में मौजूदा रिक्तियों के बावजूद मौजूदा न्यायाधीश का स्थानांतरण किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को फिर से विचार करना चाहिए
प्रस्ताव में कहा गया है कि दिल्ली उच्च न्यायालय में जजों की मौजूदा संख्या को कम किया जाएगा. दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम से इस संबंध की सिफारिश पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है. प्रस्ताव की प्रति केंद्र सरकार को भी भेजी गई है और उनसे उक्त पर कार्रवाई न करने का अनुरोध किया गया है. कहा गया है कि कॉलेजियम से उपरोक्त निर्णय पर फिर से विचार करने का आह्वान करें.
दिल्ली हाई कोर्ट में जजों की संख्या पर ध्यान देना जरूरी
एडवोकेट अमित साहनी ने कहा कि न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह ने हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं. जस्टिस नजमी वजीरी 14 जुलाई 2023 को रिटायर हो रहे हैं. इसे बावजूद जस्टिस गौरांग कंठ का ट्रांसफर किया जा रहा है. कंठ को कोलकाता उच्च न्यायालय और जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल को मणिपुर हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है. वकील अमित साहनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कमी आदि पर ध्यान देना चाहिए था. इस फैसले को 6 महीने या दिल्ली हाई कोर्ट में नए जजों की नियुक्ति तक टाला जाना चाहिए था.
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Tags: Collegium, DELHI HIGH COURT, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : July 13, 2023, 22:21 IST