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सेना में भर्ती का जज्बा, लिम्का बुक में दर्ज हुआ नाम– News18 Hindi

नई दिल्ली. सेना में भर्ती होने का जज्बा और जुनून हो तो फिर इंसान को कुछ अच्छा करने की प्रेरणा जरूर मिलती है. ऐसे ही कुछ कहानी है राजस्थान में अलवर जिले के लामचपुर गांव के रहने वाले मुकेश सिंह की. जिनका नाम लिम्का बुक में दर्ज किया गया है. बता दें कि मुकेश सिंह ने 62 शहीदों के नाम अपनी पीठ पर गुदवाए हैं. जो अपने आप में आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. मुकेश कहते हैं कि जब वो खुद सेना में शामिल नहीं हो पाए तो उन्होंने शहीदों के सम्मान में नाम गुदवा लिया.

बता दें कि मुकेश सिंह एक समय खुद सेना में भर्ती होना चाहता थे, लेकिन किसी कारण उनको सफलता नहीं मिली और सेना में शामिल नहीं हो पाए. लेकिन इसके बाद सेना में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में मुकेश सिंह ने मशीन से अपनी पीठ पर 62 शहीदों के नाम गुदवा लिए. इस बारे में मुकेश सिंह का कहना है कि उनके चाचा हनुमान सिंह और कई अन्य रिश्तेदार सेना में थे. मुकेश का कहना है कि देशभक्ति मेरी रग-रग में बसी है. मैं सैनिकों के नाम नाम लोगों को दिखाकर अपना कर्तव्य निभा रहा हूं. उन्होंने कहा कि जिन के नाम लिखवाए हैं, उनमें अलवर के अतिरिक्त झुंझुनूं जिले के भी शहीद शामिल है.

1971 के युद्ध में शहीद हुए थे चाचा 
मुकेश सिंह के चाचा हनुमान सिंह 1971 में भारत-पाक युद्घ के दौरान शहीद हो गए थे. उनसे प्रेरित होकर मुकेश सेना में भर्ती होना चाहते थे. लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो मुकेश ने अपने चाचा सहित 62 शहीदों का नाम 10 दिसंबर 2009 को अपनी पीढ़ में लिखवा लिया. बता दें कि मुकेश का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज किया गया है.

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