सेेंटर फॉर एक्सीलेंस बनेंगे उत्कृष्ट स्कूल
जयपुर।
राज्य के दूर दराज के क्षेत्रों में श्रेष्ठ काम कर रहे सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की पहचान कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने उत्कृष्ट विद्यालय चयन योजना शुरू की है। योजना के तहत शिक्षक और संस्था प्रधान भी पुरस्कृत होंगे। इन स्कूलों को सेंटर फॉर एक्सीलेंस के रूप मे विकसित किया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ तीन तीन प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक को प्रशंसा पत्र दिया जाएगा।
स्कूलों का चयन ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर किया जाएगा। चयन करने का काम विभाग की ओर से गठित कमेटी करेगी। ब्लॉक स्तर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कमेटी का अध्यक्ष होगा। वहीं जिला स्तरीय कमेटी का गठन निदेशक माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में होगा। राज्य स्तर पर स्कूलों के चयन के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी
यह है योजना
प्रारम्भिक शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के लिए अनेक योजनाएं संचालित करने के बावजूद राजकीय विद्यालयों के प्रति सकारात्मक धारणा नहीं है। जबकि, प्रदेश के कई दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालय बेहतर कार्य कर रहे हैं। ऐसे विद्यालयों को मंच पर लाने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है। ब्लॉक स्तर पर पांच, बड़े जिलों में जिला स्तर पर 25 और छोटे जिलों में 15 विद्यालय चिन्हित कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा
विद्यालय का होगा अवलोकन
विद्यालय चयन के लिए कमेटी बनेगी। इसमें ब्लॉक स्तर पर बीईईओ, दो एबीईईओ, दो संदर्भ व्यक्ति, दो उप्रावि संस्थाप्रधान और दो शिक्षाविद् होंगे। कमेटी ए आर बी ग्रेड वाले सभी प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालय में से श्रेष्ठ 20 प्रतिशत विद्यालयों की सूची तैयार करेंगे। सूची में चयनित विद्यालयों में जाकर कमेटी निरीक्षण करेगी और निर्धारित प्रपत्र अनुसार रेटिंग तैयार होगी। स्कूलों को 250 में से अंक दिए जाएंगे।
विद्यालयों की तैयार होगी रेटिंग
विद्यालय की 22 बिन्दुओं पर 250 अंकों के आधार पर रेटिंग तैयार होगी। इसमें नामांकन के लिए 8 अंक तय किए हैं। नामांकन बढ़ोतरी के लिए 10 विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धि के लिए 34, शैक्षणिक गतिविधियों के लिए 11, प्रतिभा खोज परीक्षा के 09, आधारभूत सुविधाएं 26, ब्रॉडबैंड सुविधा के लिए 03, ग्रीन बोर्ड/व्हाइट बोर्ड के लिए 08, स्कूल कैम्पस का सौंदर्यीकरण के लिए 06, लहर या एबीएल कक्ष के लिए 03, फर्नीचर व्यवस्था के लिए 04, राजीव गंाधी करियर गाइडेंस पोर्टल के लिए 03, डिजिटल लिटरेसी के लिए 02, सांस्कृतिक, विज्ञान प्रदर्शनी और खेलकूद गतिविधियोंं में सहभागिता के लिए 15, भामाशाह दानदाता सहयोग के लिए 07, विद्यार्थी व विकास कोष के लिए 05, पुस्तकालय/ वाचनालय सुविधा के लिए 04 अंक, ज्ञान संकल्प पोर्टल के लिए 03, शाला दर्पण के लिए 05, अन्य गतिविधियों के लिए 35, कमेटियों की निरीक्षण रिपोर्ट के लिए 45 अंक तय किए गए हैं।
प्राथमिक विद्यालय में 30 विद्यार्थी पर 0, 31 से 40 तक पांच, 41 से 50 पर 10 तथा 51 से अधिक विद्यार्थी होने पर 15 मिलेंगे। उप्रावि में 60 विद्यार्थी पर 0, 61 से 80 पर पांच, 81 से 100 पर 10 अंकए 101 या अधिक विद्यार्थी होने पर 15 अंक मिलेंगे। इसके अलावा ठहराव के लिए पांच अंक तय किए हैं। विद्यालय में 50 प्रतिशत औसत उपस्थिति पर एक, 51 से 65 प्रतिशत पर दो, 66 से 80 पर चार अंक एवं 81 फीसदी से अधिक औसत उपस्थिति पर पांच अंक मिलेंगे। परीक्षा परिणाम में 50 फीसदी स्टूडेंट्स के लिए ए ग्रेड प्राप्त करने पर 2 अंक, 50 से 65 फीसदी स्टूडेंट्स के ए ग्रेड आने पर 4 अंक, 65से 80 फीसदी स्टूडेंट्स के ए ग्रेड आने पर 6 अंक, 80 से 90 फीसदी के ए ग्रेड आने पर 8 अंक और 90 फीसदी से अधिक स्टूडेंट्स के ए ग्रेड आने पर 10 फीसदी अंक तय किए गए हैं।
शैक्षिक स्तर का होगा आंकलन
योजना के तहत विद्यालय में नामांकित कक्षा के पाठ्यक्रम स्तर के अनुरुप बच्चों के शैक्षिक स्तर के आधार पर अधिक 20 अंक दिए जाएंगे। इसमें प्राथमिक विद्यालय की कोई भी दो कक्षाओं एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय की किन्हीं तीन कक्षाओं में प्रत्येक कक्षा में न्यूतनम पांच विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर का रेण्डमली मूल्यांकन होगा। मूल्यांकन दौरान लिखित परीक्षा होगी। इसमें हिन्दी के तीन एवं अंग्रेजी के दो अंक भाषाई लेखन क्षमता के आधार पर मिलेंगे। इसी वर्ग में अभिव्यक्ति की क्षमता, गणित विषय तथा विषय वस्तु के ज्ञान का पांच.पांच अंकों के आधार पर मूल्यांकन होगा।