स्वच्छ भारत अभियान से देश के हजारों गांवों का हुआ है कायाकल्प– News18 Hindi

जयपुर. ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन (Clean India Mission) के पहले चरण में गांव खुले में शौच से मुक्त हुए हैं. अब द्वितीय चरण (second phase) में स्वच्छता को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय गांवों की सूरत बदलने (Changing face of village) की तैयारी में है. इसके लिये जल शक्ति मंत्रालय (Ministry) की ओर से 51 लाख घरेलू शौचालय, एक लाख सामुदायिक स्वच्छता कॉम्लेक्स, दो लाख गांवों में ठोस कचरा प्रबंधन (Solid west management) योजना, 1.82 हजार गांव में ग्रे-वॉटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, 2500 ब्लॉकों में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन यूनिट और 386 जिलों में गोबर धन प्रबंधन संयंत्र लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. राज्यों के सहयोग से चलने वाले ओडीएफ प्लस अभियान पर जल शक्ति मंत्रालय 41 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगा. खुले में शौच से मुक्ति का अभियान अब आदत में परिवर्तित हो चुका है और जरूरी है कि शौचालयों का उपयोग सामाजिक रहन-सहन की अनिवार्यता बन जाए. दूसरा फेज भी इस संकल्प को ही लक्षित है.
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) के द्वितीय चरण के तहत ओडीएफ प्लस के पांच मैनुएल्स का अनावरण करते हुए कहा कि लाल किले की प्राचीर से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शौचालय शब्द उच्चारित किया गया था, तब कुछ लोगों को आपत्ति थी. आज जब स्वच्छ भारत अभियान एक इतिहास बना चुका है तब उनके पास बगलें झांकने के अलावा कोई उपाय नहीं है.
ग्रे-वॉटर का कृषि या कॉमर्शियल क्षेत्र में इस्तेमाल होगा
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि ओडीएफ प्लस में प्रयास रहेगा कि रसोई और स्नानघर से निकलने वाला ग्रे-वॉटर का रिसाइकिल होने के बाद कृषि या कॉमर्शियल क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा सके. अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो उसका उपयोग भूगर्भ भरण के काम में हो. प्लास्टिक अपशिष्ट और गोबर धन संयंत्र एक बिजनेस मॉडल बने. इस बात पर जोर दिया जा रहा है.
हर ग्रामीण परिवार को 53000 रुपये का सालाना फायदा
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि एक वैश्विक रिपोर्ट में सामने आया कि स्वच्छ भारत मिशन से हर ग्रामीण परिवार को 53 हजार रुपए का सालाना लाभ हुआ. ओडीएफ प्लस में संपूर्ण स्वच्छता से जोड़ा गया है. द्वितीय चरण को भी जनभागीदारी और 5पी के सिद्धांत, यानी राजनीतिक इच्छाशक्ति, सरकार की तरफ से निरंतर खर्च, अनुभवी व विशेषज्ञों की साझेदारी, जनभागीदारी और व्यवहार में बदलाव का निरंतर आग्रह करना से जोड़ा गया है.
जनभागीदारी और इनोवेटिव तरीकों से होगा काम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जब 2 अक्टूबर 2019 को खुले में शौच मुक्त गांवों की घोषणा की थी, तब देश में स्वच्छता का कवरेज 39 प्रतिशत था. उसके बाद 10 करोड़ से अधिक नए शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है. प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि कोई भी बड़ा काम तब तक सफल नहीं हो सकता, जब तक कि वह जन आंदोलन ना बने. द्वितीय चरण में जनभागीदारी और इनोवेटिव तरीके से परियोजनाओं पर काम होगा, जिससे एक साल के कालखंड में देश के अधिकाधिक गांव को ठोस और तरल कचरे से मुक्त करने की दिशा में हम आगे बढ़ेंगे.
हर घर नल मिशन का लक्ष्य जल्द हासिल करेंगे
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में हर घर नल की योजना पर तेजी से काम हो रहा है. दोनों लक्ष्यों को प्राप्त करने के बाद देश की जीडीपी में हम बड़ा योगदान कर पाएंगे. शेखावत ने बताया कि राज्यों के सहयोग से चलने वाले ओडीएफ प्लस अभियान पर 41 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसमें केंद्र 13,982 करोड़ की हिस्सेदारी करेगा, जबकि राज्य सरकारों का हिस्सा 8332 करोड़ रुपए है. 15वें वित्त आयोग से ग्रामीण स्थानीय निकायों को मिले अनुदान से 12,730 करोड़ और मनरेगा से 4138 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे. शेष 1522 करोड़ रुपए राज्यों द्वारा अन्य स्रोतों से निवेश किए जाएंगे.
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