हथुआ पुलिस ने पेश की मूर्ति, कोर्ट में दर्शन को उमड़ी भीड़, सीजेएम ने सुनाया यह फैसला-Police returned the idol of Lord Krishna crowd gathered in the court for darshan CJM gave this decision – News18 हिंदी

रिपोर्ट- गोविंद कुमार
गोपालगंज. पुलिस की कस्टडी में आठ माह से कैद भगवान को आखिरकार रिहा कर दिया गया और अब मंदिर में उन्हें स्थान देकर पूजा-अर्चना शुरू की जाएगी. मंगलवार को गोपालगंज के सीजेएम मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट में हथुआ पुलिस ने मूर्ति पेश की. मूर्ति ठाकुर जी का नहीं, बल्कि राधा रानी की निकली. हथुआ पुलिस की ओर से शुद्धि पत्र भी कोर्ट में दाखिल किया गया. जिसमें मूर्ति को राधा रानी होने का दावा किया गया. कोर्ट में मौजूद मंदिर के महंत, कांड के सूचक विपिन श्रीवास्तव, उनके अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी, परमेश पांडेय ने भी मूर्ति को राधा रानी का मानते हुए अपील किया कि उनकी पूजा पाठ भोग-राग के लिए उन्हें सौंपा जाये.
कोर्ट में मूर्ति का दूसरा कोई दावेदार उपस्थित नहीं था. कोर्ट की तरफ से दोनों पक्ष की सुनवाई के बाद मूर्ति को तत्काल प्रभाव से मंदिर के महंत को सौंपने का आदेश दिया. यह भी कहा गया कि मूर्ति किसी भी स्थिति में बेचेंगे नहीं. ठाकुर जी के साथ स्थापित कर पूजा पाठ शुरू करें. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मंदिर के महंत को मूर्ति को सौंप दिया. फुलेरा द्वीज के अबूझ मुहूर्त में कोर्ट की ओर से राधा रानी को सौंपने का फैसला आया. मंदिर की ओर से मूर्ति पाने के लिए एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी.
हथुआ थानेदार पर कोर्ट ने लगाया था जुर्माना
लगातार एक माह से मलखाना का चाभी नहीं होने का कारण बताकर कोर्ट के बार-बार आदेश होने के बाद भी मूर्ति को पेश नहीं किया जा सका था. कोर्ट का समय बर्बाद के कारण थाना प्रभारी पर कोर्ट ने 1000 हजार का जुर्म लगाया गया. कोर्ट पुलिस के कार्यों पर गंभीर सवाल उठाते हुए एसपी को निर्देश दिया था कि डीएसपी के स्तर पर टीम गठित कर जांच कराया कि मलखाना में मूर्ति है या नहीं. कोर्ट के आदेश के बाद एसपी जब एक्शन में आए तो मंगलवार को हथुआ पुलिस मूर्ति को कोर्ट में पेश की.
क्या है भगवान का पूरा मामला
हथुआ थाने के बरी रायभान गांव में 1925 से स्थापित श्रीराधा-कृष्ण गोपीनाथ मंदिर से चोरों ने 13 फरवरी 2018 कोअष्टधातु की मूर्ति चोरी कर ली. हथुआ थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी. 23 नवंबर 2018 को तत्कालीन अनुसंधानकर्ता प्रशांत कुमार राय की ओर से सत्य सूत्रहीन बताते हुए अंतिम प्रपत्र संख्या 211/2018 समर्पित कर दी गयी. 28 फरवरी 2019 को न्यायालय द्वारा अंतिम प्रपत्र स्वीकृत कर लिया गया.
तालाब खुदायी में मिली थी मूर्ति
बरीराय भान से तालाब से मिट्टी खुदायी के दौरान 13 जून 2023 को एक अष्टधातु की श्रीकृष्ण की मूर्ति बरामद हुयी. इसे थाने के मालखाना में सुरक्षित रखा गया है. कांड के सूचक ने मूर्ति की पहचान करते हुए उसे अपने मंदिर से चोरी होने का दावा किया, इसके बाद पूजा-पाठ भोग के लिए सौंपने की अपील की गयी थी. कोर्ट ने अभियोजन पदाधिकारी हीरालाल गुप्ता को सुना. इस संबंध में थाने से पूर्व में रिपोर्ट की मांग की गयी थी, हथुआ थाना प्रभारी ने रिपोर्ट में राम-जानकी मंदिर की मूर्ति का उल्लेख किया था . तब से भगवान की रिहाइ को लेकर पेच चल रहा है. अंतत: पुलिस ने कोर्ट में शुद्धि पत्र दाखिल कर मूर्ति को राधा रानी का बताया.
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FIRST PUBLISHED : March 12, 2024, 20:30 IST