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हिंद-प्रशांत वैश्वीकरण की हकीकत को दर्शाता है: जयशंकर

नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर (MEA S Jaishankat) ने मंगलवार को को कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थितियां वैश्वीकरण की हकीकत, बहुध्रुवीयता के उभरने और पुनर्संतुलन के फायदों को दर्शाती हैं. हिंद-प्रशांत व्यापार शिखर सम्मेलन (Indo-Pacific Business Summit) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि क्षेत्र के समान विचार वाले देशों की व्यापक नीति समृद्धि को बढ़ावा देने और वैश्विक वाणिज्य की दिशा में सामूहिक हित की अभिव्यक्ति है.

उन्होंने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत वैश्वीकरण की हकीकत, बहुध्रुवीयता का उभरना और पुनर्संतुलन के फायदों को दर्शाता है. यह शीत युद्ध से उबरने और द्विध्रुवीय व्यवस्था एवं प्रभुत्व को खारिज करता है.’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘हममें से अधिकतर के लिए यह वैश्विक समृद्धि एवं वैश्विक वाणिज्य को बढ़ावा देने के सामूहिक हितों की अभिव्यक्ति है.’’ उन्होंने कहा कि भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) स्पष्ट रूप से यह साबित करती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में बैंकॉक में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आईपीओआई के गठन का प्रस्ताव दिया था, ताकि समुद्री क्षेत्र का संरक्षण किया जा सके और उसका सतत इस्तेमाल किया जा सके और सुरक्षित समुद्री क्षेत्र बनाने का सार्थक प्रयास हो सके.

(Disclaimer: यह खबर सीधे सिंडीकेट फीड से पब्लिश हुई है. इसे News18Hindi टीम ने संपादित नहीं किया है.)

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