03:07 घंटे की वो फ्लॉप फिल्म, गदर-लगान से भी ज्यादा मिली पॉप्युलैरिटी, विलेन थे अमरीश पुरी, समा गई दिल में – anil kapoor amrish puri Nayak flop film release 2 month after gadar ek prem katha aamir khan lagan turn gained popular cult classic movie surprisingly

Last Updated:December 04, 2025, 16:42 IST
Bollywood Cult Classic Movie : बड़े बजट की फिल्मों के बीच कई बार ऐसी फिल्में आती है जो उस समय तो फ्लॉप हो जाती हैं लेकिन आगे चलकर इन फिल्मों की स्टोरी, कैरेक्टर्स और दमदार एक्टिंग को दर्शक दिल की गहराई से समझते हैं. ऐसी फिल्म कल्ट मूवी का स्टेटस ले लेती हैं. एक खास फैन फॉलोइंग इन फिल्म की बन जाती है. टीवी पर जब ऐसी फ्लॉप फिल्में आती हैं तो लोग बहुत पसंद करते हैं. इन फिल्मों की स्टोरी, एक-एक कैरेक्टर के नाम, उनकी अदाकारी पसंद आती है. ऐसी ही एक फिल्म 2001 में आई थी. यह मूवी गदर : एक प्रेम कथा और लगान के रिलीज होने के दो माह बाद सिनेमाघरों में आई थी. जब भी इस फिल्म की चर्चा होती है, हम सबके मन में एक ईमानदार सीएम, नौकरशाही-भ्रष्टाचार की तस्वीरें उभरने लगती हैं. आज इस फिल्म के कल्ट सीन के मीम्स सोशल मीडिया पर खूब बनते हैं. ये फिल्म कौन सी थी, जो 24 साल से दर्शकों के दिल में बसी हुई है. आइये जानते हैं…… 
बाद 2001 की है. जून का महीना था. 15 जून को दो बड़ी फिल्मों गदर : एक प्रेम कथा और लगान का क्लैश हुआ. सनी देओल की गदर और आमिर खान की फिल्म लगान एक ही दिन रिलीज हुई थीं. दोनों ही फिल्मों के बीच तगड़ा मुकाबला देखने को मिला था लेकिन बाजी सनी देओल के हाथ लगी. गदर जहां ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर निकली वहीं लगान ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई. इन फिल्मों के रिलीज होने के दो महीने बाद एक और मूवी सिनेमाघर में रिलीज हुई थी. नाम था नायक. अनिल कपूर की यह फिल्म फ्लॉप साबित हुई थी लेकिन आगे चलकर इसकी स्टोरी को दर्शकों में खूब पसंद किया. यह फिल्म टीवी-यूट्यूब पर सुपरहिट साबित हुई. इस फिल्म के एक-एक सीन को आज भी लोग याद रखते हैं. इस फिल्म में भारतीय राजनेताओं की सच्चाई दिखाई गई थी. इस फिल्म के कई कल्ट सीन के मीम सोशल मीडिया पर बनाए जाते हैं. आज भी यह मूवी उतनी ही प्रासंगिक है.

नायक एक पॉलिटिकल एक्शन थ्रिलर फिल्म थी जो कि 7 सितंबर 2001 को रिलीज हुई थी. फिल्म में अनिल कपूर, रानी मुखर्जी, अमरीश पुरी, परेश रावल और जॉनी लीवर लीड रोल में नजर आए थे. इस फिल्म को तमिल सिनेमा के जाने-माने डायरेक्टर एस. शंकर ने डायरेक्ट किया था. उन्होंने अपनी 1999 में आई तमिल फिल्म मधुलवन का रीमेक नायक के नाम से बनाया था. उनकी यह पहली और आखिरी हिंदी फिल्म थी. डायलॉग अनुराग कश्यप ने लिखे थे. म्यूजिक एआर रहमान का था. फिल्म में 38:38 मिनट की लेंग्थ के 7 गाने रखे गए थे. फिल्म का सिर्फ एक गाना ‘चलो चलें मितवा’ ही हिट हुआ था. कहानी, स्क्रीनप्ले एस. शंकर ने ही लिखा था.

आनंद बक्शी ने लिखे थे और यह आनंद बक्शी की यह संभवत अंतिम फिल्म थी बाद में 2002 में उनका निधन हो गया था. 21 करोड़ के बजट में बनी फिल्म ने 20:56 करोड़ का ही बिजनेस किया था. यह एक फ्लॉप फिल्म साबित हुई थी. 2001 में पैसे कमाने के मामले में यह 15वें नंबर पर थी. पहले नंबर पर सनी देओल की गदर एक प्रेम कथा और दूसरे नंबर पर आमिर खान की लगान रही थी. एस. शंकर की पहली और आखिरी फिल्म हिंदी फिल्म थी. इसके बाद उन्होंने हिंदी में कोई फिल्म नहीं बनाई. एस. शंकर ने शिवाजी द बॉस और रोबोट, रोबोट 2.0 जैसी फिल्में भी साउथ में बनाईं.
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नायक फिल्म के बनाने की घोषणा जून 2000 में की गई थी. अनिल कपूर-अमरीश पुरी का दमदार रोल था. फिल्म एक बहुत बड़ा सामाजिक संदेश देने की कोशिश करती है. ‘एक दिन के सीएम’, उसकी ईमानदारी, एक्शन के प्रजेंटेशन का तरीका बहुत ही शानदार था. जब यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई तो इसे बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई थी लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरा दर्शकों ने इसकी अहमियत समझी. फिल्म की पॉप्युलैरिटी हैरतअंगेज तरीके से बढ़ी. इसकी 7.8 IMBD रेटिंग इसके लोकप्रियता की तस्दीक करती है. टेलीविजन पर इसे खूब पसंद किया गया. आज यह फिल्म कल्ट क्लासिक मानी जाती है.

डायरेक्टर एस. शंकर ने अनिल कपूर वाला रोल रोल पहले रजनीकांत को ऑफर किया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. एस. शंकर रजनीकांत के बहुत बड़े फैन थे. उन्होंने उनका असली नाम इस फिल्म में इस्तेमाल किया है. नायक फिल्म में अनिल कपूर के कैरेक्टर का नाम ‘शिवाजी राव गायकवाड़’ रहता है. यही असली नाम रजनीकांत का है. इस फिल्म में अनिल कपूर के नाम को लेकर एक और चर्चा है. शिवाजी राव नाम वीर शिवाजी के नाम पर रखा गया. फिल्म के जरिये यह संदेश देने की कोशिश की गई कि कैसे एक आदमी जननायक बनता है.

नायक फिल्म की स्टोरी इसलिए भी बहुत चर्चा में रही क्योंकि इसमें अनिल कपूर के कैरेक्टर को सिर्फ एक दिन का सीएम बनाया गया था. एक दिन में उन्होंने क्या-क्या काम किया, यह दिखाया गया था. दृढ़ निश्चय और ईमानदारी हो तो एक आम इंसान एक दिन में सीएम बनकर क्या कर सकता है, यह भी फिल्म में दिखाया गया. वैसे देखा जाए तो सिर्फ 24 घंटे की कहानी मूवी दिखाती है लेकिन इसके प्रस्तीकरण का अंदाज इतना अनोखा था कि लोगों के दिल को छू गया. फिल्म ने राजनेताओं-पुलिस तंत्र के बीच गाजोड़, क्राइम, राजनेताओं की शिक्षा, सिस्टम में मौजूद भ्रष्टाचार को उजागर करके दर्शकों के दिल को झकझोर दिया था.

फिल्म नायक का एक फाइट सीन कार के कबाड़खाने में शूट किया गया था. भारतीय सिनेमा का यह फाइट 3डी फाइट सीन था जिसके लिए 36 कैमरों का इस्तेमाल किया गया था. कंप्यूटर-ग्राफिक्स की मदद से इसे पूरा किया गया था. फिल्म के डायलॉग अनुराग कश्यप ने लिखे थे जो बहुत ही हार्ड हिटिंग-ह्यूमरस थे. अनुराग ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘मैं उस समय 27-28 साल का था. स्ट्रगल कर रहा था. अथैंसिटी पर हमेशा जोर रहा है. मैंने हर वक्त की सच्चाई को फिल्म के डायलॉग में डाला.’

अनिल कपूर ने अपने एक इंटरव्यू में नायक फिल्म की लोकप्रियता के बारे में कहा था, ‘नायक फिल्म जैसे-जैसे पुरानी होती गई, लोगों का प्यार बढ़्ता गया. जैसे-जैसे डिजिटल मीडिया का चलन बढ़ा, लोगों को फिल्म की कहानी, कैरेक्टर्स प्रासंगिक लगे. लोगों को लगता है कि सीएम ऐसा होना चाहिए. मैंने फिल्म के लिए बहुत मेहनत की थी. ‘

नायक फिल्म के करीब दो माह पहले रिलीज हुई गदर एक प्रेम कथा और लगान फिल्म को निश्चित रूप ने दर्शकों ने प्यार दिया. अनिल शर्मा के निर्देशन में बनी गदर: एक प्रेम कथा की कहानी, डायलॉग्स बहुत ही कमाल के थे. डायरेक्टर अनिल शर्मा ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके राइटर दोस्त शक्तिमान तलवार ने फिल्म की कहानी में लिखी थी. पहले यह फिल्म कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनाई जा रही थी. बाद में जब लव स्टोरी का प्लॉट तैयार हुआ तो इसी पर फिल्म बना ली गई. फिल्म में सनी देओल का हैंडपंप उखाड़ने का आइकॉनिक सीन है. इस सीन का पूरी यूनिट विरोध कर रही थी. पूरे तीन घंटे फिल्म की शूटिंग रुकी रही थी. 18.5 करोड़ के बजट में बनी गदर ने वर्ल्डवाइड 133 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था. यह एक ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी. दिलचस्प बात यह है कि गदर : एक प्रेमकथा की IMDB रेटिंग 7.3 है जबकि नायक फिल्म की रेटिंग 7.8 है.

15 जून 2001 में रिलीज हुई आमिर खान की ‘लगान’ फिल्म को भला कौन भुला सकता है. फिल्म की कहानी भारत में ब्रिटिश कोलोनियल शासन के आखिरी विक्टोरियन काल 1893 में सेट की गई थी. आशुतोष गोवारिकर डायरेक्टर थे. फिल्म में आमिर खान और ग्रेसी सिंह के अलावा ब्रिटिश एक्टर्स पॉल ब्लैकथॉर्न और रेचल शेली ने भी अहम भूमिकाएं निभाई थीं. एआर रहमान का यादगार म्यूजिक था. ‘राधा कैसे ना जले’, ‘घनन घनन’, जैसे यादगार गीत जावेद अख्तर की कलम से निकले थे. 49वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में ‘लगान’ ने 8 अवॉर्ड्स जीते थे. 24 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 66 करोड़ की कमाई की थी. यह एक सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी. IMDB पर लगान को 8.1 की रेटिंग मिली हुई है.
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December 04, 2025, 16:24 IST
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03:07 घंटे की वो फ्लॉप फिल्म, गदर-लगान से भी ज्यादा मिली पॉप्युलैरिटी



