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1 फिल्म में समाए 72 गाने, 93 साल बाद भी कोई माई का लाल नहीं तोड़ पाया रिकॉर्ड, हीरोइन का हुआ था कोठे पर जन्म

Last Updated:November 02, 2025, 17:36 IST

इंडियन फिल्मों में गानों का खूब क्रेज रहता है. आज से नहीं बल्कि दशकों पहले से ऐसा होता आ रहा है. मुगल-ए-आजम को ही ले लीजिए. इसके गीत जब प्यार किया तो डरना क्या को उस जमाने में लाखों रुपये खर्च करके बनाया गया था. वो दौर, जब चंद लाख में फिल्में बन जाया करती थी.

ठीक आज भी करण जौहर से लेकर यश चोपड़ा के बैनर तले बनने वाली फिल्मों को ही देख लीजिए. ये एक एक गानों को एक उत्सव की तरह सेलिब्रेट करते हैं. दुनिया की सबसे खूबसूरत वादियों पर गानों को शूट करते हैं. लाखों-करोड़ों रुपये बहाते हैं और बेस्ट ट्रैक तैयार करते हैं.

मगर क्या आप जानते हैं उस फिल्म के बारे में जिसमें सबसे ज्यादा गाने थे. अगर आपके जहन में हम आपके हैं कौन, रॉकस्टार, डीडीएलजे, ताल, मोहब्बतें जैसी किसी फिल्म का नाम आ रहा है तो ठहर जाइए. क्योंकि जिस फिल्म के नाम सबसे ज्यादा गाने का रिकॉर्ड है वो आई थी साल 1932 में. जिसमें 72 गाने थे.

इस फिल्म को जेएफ मदन ने बनाया और जहानारा कज्जन (Kajjanbai) और मास्टर निसार ने लीड रोल प्ले किए थे. जहानारा का जन्म मशहूर तवायफ सुग्गन बेगम के घर हुआ. जो बेहतरीन सिंगर थीं और इंद्रसभा फिल्म से छा गई थीं.

इस फिल्म का नाम है ‘इंद्र सभा’. साल 1932 में आई फिल्म ‘इंद्र सभा’ में शुरुआत में 72 गाने थे. जबकि कुछ रिपोर्ट्स का दावा है 69 तो कुछ का कहना है 71 गाने. गिनी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने ‘इंद्र सभा’ फिल्म का नाम सबसे ज्यादा गाने वाली फिल्म के रूप में दर्ज किया. ये देश की पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ के ठीक एक साल बाद रिलीज हुई थी.

‘इंद्र सभा’ को मणिलाल जोशी ने डायरेक्ट किया था. उस जमाने की ये एक विशाल फिल्म थी जिसकी समय अवधि 211 मिनट थी. फिल्म की लंबाई की वजह थी इसके अंदर के गाने. ये फिल्म आगा हसन अमानत के नाटक पर आधारित थी जिसमें केरेक्टर का इंट्रोडक्शन भी म्यूजिकल अंदाज में दिया गया था. जैसे पहले नाटक में हुआ करता था.

द कैम्ब्रिज गाइड टू एशियन थिएटर में, जेम्स आर ब्रैंडन ने कहा गया कि प्ले में 31 गजल, 9 ठुमरी, 4 होली, 15 गाने, दो चौबोले और पांच छंद शामिल थे. लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी बताया गया है कि फिल्म में हर केरेक्टर के लिए 1 स्पेशल गाना था.

इंद्र सभा प्ले की बात करें तो ये एक उर्दू प्ले था. जो पहली बार 1853 में स्टेज पर परफॉर्म किया गया था. इसे पहला कंप्लीट उर्दू मंच नाटक माना जाता है. जिसे जर्मन में भी ट्रांसलेट किया गया था.

अगर बीते कुछ सालों की फिल्मों के गानों की बात करें तो सूरज बड़जात्या की म्यूजिकल फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ में 14 गाने तो सुभाष घई की ‘ताल’ में 12 गाने थे. वहीं आज के जमाने की रॉकस्टार में 14 गाने थे. इस हिसाब से आजतक कोई इस फिल्म का 93 साल बाद भी रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाया है.

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November 02, 2025, 17:36 IST

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1 फिल्म में समाए 72 गाने, 93 साल बाद भी कोई माई का लाल नहीं तोड़ पाया रिकॉर्ड

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