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10 विकेट लेने के बाद भी टीम इंडिया से हुआ बाहर, जिस मैच का बना हीरो, वही साबित हुआ करियर का आखिरी टेस्ट

नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जिनको अनलकी क्रिकेट कहा जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि उनको अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी टीम से बाहर होना पड़ा और इसके बाद कभी वापसी भी नहीं हुई. ऐसे ही एक टीम इंडिया के स्पिनर हैं प्रज्ञान ओझा, जिनके करियर में जब ब्रेक लगा तो उनको पता भी नहीं था कि वह आगे कभी नहीं खेल पाएंगे.

भारतीय टीम की तरफ से 2009 में टेस्ट टेब्यू करने वाले स्पिनर पज्ञान ओझा का करियर अचानक ही खत्म हो गया. कानपुर में श्रीलंका के खिलाफ खेलते हुए पहले टेस्ट में उन्होंने दोनों पारियों में मिलाकर 4 विकेट हासिल किए थे. इसके बाद से उनको भारत के लिए कुल 24 टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला और इस दौरान उन्होंने 30 की बेमिसाल औसत से 113 विकेट चटकाए. छोटे से करियर के दौरान प्रज्ञान ने 7 बार एक पारी में 5 विकेट लिया. करियर में 1 बार किसी मैच में 10 विकेट लेने का कमाल किया और यही मुकाबला उनके लिए आखिरी मुकाबला साबित हुआ.

10 विकेट लेकर भी टीम से हुए बाहर

भारतीय टीम के इस स्पिनर ने नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था. इस मैच की पहली पारी में प्रज्ञान ने 40 रन देकर 5 विकेट अपने नाम किए जबकि दूसरी पारी में 49 रन देकर 5 विकेट चटकाए. इस शानदार प्रदर्शन की वजह उनको प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था. कमाल की बात यह रही कि इसके बाद उनको कभी भारत की तरफ से कोई और टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाया.

नहीं पता क्यों हुए बाहर

प्रज्ञान ओझा ने कुछ महीनों पहले एक इंटरव्यू के दौरान अपने दर्द को साझा किया था. उनके 10 विकेट लेकर टीम इंडिया से बाहर होने के सवाल पर जवाब में उन्होंने कहा था, मुझे नहीं पता क्या हुआ, आखिर किस वजह से मैं टीम से बाहर हो गया.

Tags: Pragyan Ojha

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