10 हजार में से 1 व्यक्ति को होता है सतह से संक्रमण, क्या है नई गाइडलाइन? surface transmission of coronavirus new guideline by cdc

क्या है CDC का कहना
इस बारे में सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) मानता है कि संक्रमित सतह से बीमारी एक से दूसरे में जा सकती है लेकिन इसकी आशंका काफी कम होती है. इसे और साफ करते हुए CDC बताता है कि जिस जगह पर संक्रमित व्यक्ति के जरिए वारयस पहुंचा है, उसे छूने पर स्वस्थ व्यक्ति बीमार हो जाए, ऐसा केवल 10000 में से 1 मामले में हो सकता है.

कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने के बाद से लगातार CDC और WHO इस बारे में स्टडी करते हुए नई गाइडलाइन जारी कर रहे हैं- सांकेतिक फोटो (flickr)
क्यों कम है आशंका
CDC ने 5 अप्रैल को स्टडी की रिपोर्ट जारी की. वाइट हाउस में इसकी ब्रीफिंग के दौरान संस्था के डायरेक्टर Dr. Rochelle Walensky ने बताया कि हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि संक्रमण सतह से फैल सकता है लेकिन इसकी आशंका इतनी कम है कि ये लगभग नहीं के जितना है. कोरोना वायरस असल में श्वसन तंत्र के जरिए फैलने वाला वायरस है, जो हवा से होते हुए फैलता है.
लगातार संशोधन हो रहा गाइडलाइन में
बता दें कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने के बाद से लगातार CDC और WHO इस बारे में स्टडी करते हुए नई गाइडलाइन जारी कर रहे हैं. ये इसलिए किया जा रहा है ताकि देश इसके मुताबिक अपने नियमों में बदलाव कर सकें और लोग सतर्क रहें. ऐसा हो भी रहा है कि इन्हीं की गाइडलाइन को देखते हुए देश में अपने यहां नियमों को और सख्त बनाते या ढील देते रहे.
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कितनी सफाई काफी है
अगर सतह से कोरोना फैलने का डर इतना कम है तो जिस हाइजीन थिएटर की बात हो रही, उसमें छूट मिल सकेगी. यानी लोग अपने होटलों, रेस्त्रां, दफ्तर और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में जो लगातार सफाई अभियान चलाए हुए हैं, उसमें जरूरत के मुताबिक छूट मिल सकेगी. इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में CDC के हवाले से बताया कि कुछ खास हालातों में सफाई का ध्यान रखना चाहिए. वायरस के फैलने का खतरा कम करने के लिए रोजाना साबुन वाले पानी से पोंछा लगाना भी पर्याप्त है.

कोरोना वायरस असल में श्वसन तंत्र के जरिए फैलने वाला वायरस है- सांकेतिक फोटो (pixabay)
हॉस्पिटल के लिए अलग नियम
अस्पतालों के लिए गाइडलाइन बदल जाती है क्योंकि वहां लगातार मरीजों के आने के कारण सरफेस ट्रांसमिशन का डर ज्यादा रहता है. एजेंसी ने इसके लिए अमेरिकन जर्नल ऑफ इंफेक्शन कंट्रोल (American Journal of Infection Control) को साइट किया. स्टडी में ये भी कहा गया कि वायरस के घर, दफ्तर या भीतर में फैलने की आशंका, बाहर खुले में फैलने से कम होती है.
किन जगहों पर कितनी देर रहता है वायरस
पिछले साल जब कोरोना की शुरुआत हुई थी तो वैज्ञानिकों ने माना था कि सतह से कोरोना उसी तरह फैलता है, जैसे हवा से फैलता है. शुरुआती रिसर्च में इसी तरह की बातें निकलकर आई भी थीं. दावा किया गया कि सतह, खासकर प्लास्टिक और स्टील पर वायरस कई दिनों तक जीवित रह सकता है. इसके तुरंत बाद ही CDC ने चेतावनी जारी की और सावधान किया कि संक्रमित सतह को छूने के बाद आंखों, नाक और कान को छूना संक्रमण का खतरा बढ़ाता है.
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सालभर के भीतर बदले निष्कर्ष
मार्च में द न्यू इंग्लैंड जर्नल में बताया गया था कि कोरोना वायरस आदर्श परिस्थितियों में किस सतह पर कितनी देर तक जिंदा रह सकता है. शोध रिपोर्ट के मुताबिक, वायरस सख्त सतह और प्लास्टिक पर तीन दिन तक, जबकि कार्डबोर्ड पर 24 घंटे जिंदा रह सकता है. इसके बाद मई 2020 में नई गाइडलाइन लाते हुए बताया गया कि संक्रमण का खतरा हवा से ही ज्यादा है, न कि सतह से.

स्टडी में ये भी कहा गया कि वायरस के घर, दफ्तर या भीतर में फैलने की आशंका, बाहर खुले में फैलने से कम होती है- सांकेतिक फोटो (hippopx)
कैसे फैलता है सतह से इंफेक्शन
संक्रमण फैलाने के लिए सबसे पहले सतह पर पर्याप्त मात्रा में कोरोना वायरस का होना जरूरी है. इसके बाद किसी दूसरे व्यक्ति के उस सतह को छूने तक वायरस का जिंदा रहना जरूरी है. इसके बाद मान लीजिए कि सतह पर पर्याप्त मात्रा में वायरस मौजूद हैं और कोई व्यक्ति उस जगह को छू लेता है तो संक्रमण के लिए कोरोना का उस व्यक्ति की त्वचा पर तब तक जिंदा रहना जरूरी है जब तक कि वो उससे अपनी नाक, आंख या मुंह को छू नहीं लेता है.
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इसके अलावा भी कई ऐसी बातें हैं, जिनका किसी सतह पर मौजूद कोरोना वायरस से संक्रमण फैलाने में योगदान रहता है. अभी तक इसी बात का जवाब नहीं मिल पाया है कि किसी एक जगह पर वायरस की संख्या कम से कम और ज्यादा से ज्यादा कितनी होनी चाहिए जो उसके फैलने की दर को प्रभावित कर सकती है. ऐसे में बेहतर यही माना जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा सफाई रखी जाए.