इस योग को करने से ठीक हो जाती हैं 100 बीमारियां, 20 मिनट रोजाना करें और पूरी लाइफ मौज से रहें-100 diseases can be cured by doing this yoga, do it daily for 20 minutes and live a happy life

जयपुर ग्रामीण. कपालभाति योग को ध्यान का प्रवेश द्वार कहा जाता है. कपालभाति दिमाग को शांत रखने और ताकतवर बनाने के लिए रामबाण समझी जाती है. इसे नियमित करने से शरीर की सौ से ज्यादा बीमारियां खत्म हो जाती हैं.
योगा टीचर रोहन बाकोलिया ने बताया कि हर दिन सुबह 20 मिनट कपालभाति करने से करीब 100 तरह की बीमारियां दूर हो जाती हैं. नियमित कपालभांति करने से हमारा ब्लड सकुर्लेशन ठीक रहता है, दिमाग साफ रहता है. वैसे कपालभाति को कई लोग मेडिटेशन या प्राणायाम नहीं मानते. उनके मुताबिक यह महज एक षट्कर्म क्रिया है.
वास्तव में षटकर्म वो क्रियाएं होती हैं जिनके करने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. ये क्रियाएं सांस के साथ की जाती हैं. इसे नियमित करने से शरीर की सौ से ज्यादा बीमारियां खत्म हो जाती हैं. इससे हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.
कैसे करे कपालभातियोगा टीचर रोहन बाकोलिया ने बताया कि सबसे पहले वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं, दोनो हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं और इन्हें अपने दोनो घुटनों पर रखें. गहरी सांस अंदर की ओर लें और फिर झटके से बाहर निकालें. पेट को अंदर की तरफ खींचें और कुछ मिनट तक ऐसा लगातार करें.
यह प्रक्रिया एक बार में 25 से लेकर 100 तक यानी जितनी आराम से कर सकें करें. शुरूआत में 25 या 30 से शुरू करें और फिर फिर क्षमता के अनुसार इसे बढ़ाते जाएं.
योगा टीचर रोहन ने बताया कि कपालभाति के बाद अगर कम से कम 100 तालियां बजाएं तो फायदा दोगुना मिलता है. इसके बाद हाथों और पैरों को स्ट्रैच करें. फिर कुछ देर तक सुखासन में बैठें और धीरे-धीरे गहरी लंबी सांस लें और छोड़ें.
कपालभाति करने के फायदेकपालभाति को नियमित रूप से रोज करने पर लिवर और किडनी से जुड़ी समस्याएं ठीक होती हैं. शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाये रखने के लिए यह बहुत फायदेमंद है. इसे नियमित रूप से करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है, मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है इसके अलावा गैस और एसिडिटी की समस्या नहीं होती. इससे फेफड़े मजबूत भी होते हैं.
कपालभाति करने से याद्दाश्त भी बढ़ती है और दिमाग भी तेज होता है. इससे हमारी नींद की गुणवत्ता बढ़ती है. वजन काबू में रहता है और शरीर में लोच लचक बनी रहती है.
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FIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 06:31 IST