Rajasthan

1000 साल पहले महिला ने खुदवाया था यह तालाब, आज भी इससे पानी पीते हैं ग्रामीण

कृष्ण कुमार/नागौर : वर्तमान समय मे पानी की कमी को दूर करने के लिए पाइपलाइन इत्यादि का काम करके पानी की समस्या को दूर किया जाता है. परन्तु प्राचीन समय में पानी की समस्या को दूर करने के लिए तरह तरह पानी के स्त्रोतों का निर्माण करवाया जाता था. विशेषकर राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में पानी की समस्या को दूर करने के लिए तालाब बावड़ी व कुओं का निर्माण करवाया जाता था. आज आपको एक ऐतिहासिक तालाब के बारे मे बताने जा रहे है जो आज से 1000 वर्ष पूर्व एक महिला के द्वारा करवाया गया. जी हां ग्रामीणों ने बताया है कि बिसनाणी नामक महिला ने इस तालाब का निर्माण करवाया.

इस तालाब के बारे में ग्रामीण रामकरण बताते हैं कि बिसनाणी नामक महिला ने इस तालाब को बणजारों द्वारा खुदवाया गया. इस तालाब की चौबी ( पानी इकटा होने का क्षेत्रफल) 20 बीघा में फैला हुआ है और इसका अंगोर यानी बारिश आने का पानी की जगह 700 बीघा में फैला हुआ है. वहीं इस तालाब का पानी पूरे ग्राम वासी पीने के लिए काम में लेते है.

तालाब में पाई जाती है बतख व जंगली जानवरो के पानी का स्त्रोत

बिसनाणी तालाब में तीन से चार रंगों की बतख पाई जाती है जो तालाब की सुन्दरता बढ़ाते है. जिसमें काली सफेद तथा हल्की गुलाबी व छीतर रंग की बतखे देखने को मिलती है. वहीं इस तालाब से जंगली जानवर भी पानी पीते है. वही यहां पर बतखों का अद्भूत नजारा देखने को मिलता है.

ग्रामीण बताते है कि तालाब के किनारे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अलग अलग किस्मों के पेड़ लगाए हैं. जिससे पर्यावरण को बढ़ावा मिले. वहीं तालाब की अंगोर की जमीन पर हजारों की संख्या में पेड़ है. वर्ष 2022 में मई में इस तालाब का जीर्णोंधार करवाया गया. जिसमें तालाब के चारों ओर चारदीवारी, रेंलिग, तारबंदी तथा तालाब की खुदाई व पौधारोपण सहित कई कार्य किए गए हैं.

वर्तमान समय में यह तालाब डिडिया कलां गांव में स्थित है. पहले के समय मे पांच से छ गांव के लोग पानी पीने के लिए ले जाते थे वर्तमान समय में यहां के निवासी टक्करों से पानी ले जाते हैं.

Tags: Local18, Rajasthan news

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