‘बाथरूम साफ करने के 1000₹, तो बर्तन धोने…’ पलक तिवारी को ऐसे मिलती थी पॉकेट मनी, श्वेता तिवारी का खुलासा

Last Updated:July 25, 2025, 23:48 IST
श्वेता तिवारी ने बताया कि पलक करियर में सफल हो रही हैं, तो उनकी इनकम को किसी चीज में निवेशन करती हैं. कुछ पैसे पलक के अकाउंट में ही रहने देती हैं. श्वेता ने बताया कि उन्होंने बहुत केयर के साथ पलक को पाला-पोषा ह…और पढ़ेंश्वेता तिवारी और पलक तिवारी सेल्फी पोज देते हुए.
हाइलाइट्स
श्वेता तिवारी ने पलक को अनुशासन और पैसे की अहमियत सिखाई.पलक को घर के काम के लिए पैसे मिलते थे, जैसे बर्तन धोने पर 1000₹.पलक की सुरक्षा के लिए श्वेता ने उनके मोबाइल को ट्रैक किया.मुंबई. ‘कसौटी जिंदगी की’ से पॉपुलैरिटी हासिल करने वाली श्वेता तिवारी ने बतौर सिंगल मदर पलक तिवारी और बेटे रेयांश को अकेले पालने खुलकर बात की. श्वेता ने बताया कि उन्होंने पलक में डिसिप्लिन, पैसों की जिम्मेदारी और सिक्योरिटी की वैल्यू बचपन से ही सिखाए. उन्होंने बताया कि पलक के लिए घर लौटने का वक्त तय किया हुआ था. उन्होंने पलक की सुरक्षा के लिए उनके मोबाइल को ट्रैक किया. इतना ही पैसे की वैल्यू सिखाने के लिए घर के हर काम के लिए एक रेट तय किया हुआ था.
श्वेता तिवारी ने भारती टीवी के यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, “मैं सख्त नहीं थी, लेकिन हमारे घर में नियम थे. अगर आपने कहा है कि आप 1 बजे तक वापस आएंगे, तो 1 बजे का मतलब दरवाजे पर आना है.” बेटी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्वेता पलक के दोस्तों और उनकी मां के कॉन्टैक्ट डिटेल्स रखती थीं.
श्वेता तिवारी ने कहा,”मैं उसे(पलक) कहती थी कि मैं उनके दोस्तों की मदर्स को तब तक फोन नहीं करूंगी जब तक तुम्हारा फोन बंद नहीं होता. लेकिन अगर मैं किसी से संपर्क नहीं कर पाती, तो मैं उनकी माताओं को फोन करना शुरू कर दूंगी क्योंकि उनके पास ड्राइवर का नंबर होता. मैं थोड़ी डरती थी क्योंकि वह लड़की है और समाज अजीब है.”
16 की उम्र तक पलक तिवारी को नहीं थी मेकअप करने की परमिशन
श्वेता तिवारी ने कहा कि पलक तिवारी शराब नहीं पीतीं, लेकिन उनके साथ या आस-पास के लोग पी सकते हैं. एहतियात के तौर पर उन्होंने पालक के फोन को ट्रैक किया और उसे 16 साल की उम्र तक मेकअप करने की अनुमति नहीं दी. इसके अलावा, पलक को स्कूल खत्म होने तक फोन रखने की परमिशन नहीं थी.
पलक तिवारी को एक्स्ट्रा पॉकेट मनी के लिए करने पड़ते थे घर के काम
श्वेता तिवारी ने पलक तिवारी को अनुशासन के अलावा पैसे की अहमियत भी सिखाई. उन्होंने कहा “पलक को एक बजट दिया गया था- मान लीजिए 25,000 रुपए. अगर उसने 30,000 रुपए खर्च किए, तो उसे घर के काम करके इसकी भरपाई करनी पड़ती बाथरूम साफ करने पर 1000 रुपए, बिस्तर साफ करने पर 500 रुपए और बर्तन धोने पर 1000 रुपए.” पलक ने इसी सिस्टम पर काम किया. बजट से ज्यादा खर्च करने पर पहले से ही वह एक्स्ट्रा काम करती थीं.
Ramesh Kumar
रमेश कुमार, सितंबर 2021 से न्यूज 18 हिंदी डिजिटल से जुड़े हैं. इससे पहले एबीपी न्यूज, हिंदीरश (पिंकविला), हरिभूमि, यूनीवार्ता (UNI) और नेशनल दुनिया में काम कर चुके हैं. एंटरटेनमेंट, एजुकेशन और पॉलिटिक्स में रूच…और पढ़ें
रमेश कुमार, सितंबर 2021 से न्यूज 18 हिंदी डिजिटल से जुड़े हैं. इससे पहले एबीपी न्यूज, हिंदीरश (पिंकविला), हरिभूमि, यूनीवार्ता (UNI) और नेशनल दुनिया में काम कर चुके हैं. एंटरटेनमेंट, एजुकेशन और पॉलिटिक्स में रूच… और पढ़ें
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