120 से अधिक मंदिरों के पुजारियों व संत-महंतों का सम्मान

120 से अधिक मंदिरों के पुजारियों व संत-महंतों का सम्मान
— जन सेवार्थ कार्य करने पर किया सम्मान
जयपुर। राजधानी जयपुर के आराध्य देव श्रीगोविन्ददेवजी (Govinddev Jaipur) के आशीर्वाद से ॠग्वेदीय राका वेद पाठशाला बीकानेर व आर्ष संस्कृति दिग्दर्शक ट्रस्ट जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को बीकानेर में मंदिरों के पुजारियों और संत—महंतों का सम्मान (Respect saint-mahants) किया गया। इन पुजारियों और संत—महंतों को कोरोना काल में जनसेवार्थ किए गए विशेष कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप पुजारियों और संत—महंतों को जयपुर के गोविंददेवजी का चित्र स्वरूप छवि, गोविंददेवजी का प्रसाद और दुपट्टा दिया गया।
कार्यक्रम संयोजक पं गायत्री प्रसाद ने बताया पुजारियों व संत-महंतों का सम्मान गोविन्ददेवजी की चित्र छवि, प्रसाद, दुपट्टा देकर किया गया। सह संयोजक पं. यज्ञ प्रसाद शर्मा ने बताया कि जयपुर से अतिथि धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय, महामण्डलेश्वर मनोहर चतुर्वेदी, परकोटा गणेश मंदिर के युवाचार्य अमीत शर्मा और बीकानेर के शास्त्री पं गायत्री प्रसाद शर्मा ने 120 से अधिक मन्दिरों के पुजारीयों व संत—महन्तों का सम्मान किया। इस अवसर पर मनोहर दास चतुर्वेदी ने कहा कि मन्दिरों में सेवा पूजा के साथ मन्दिरों में कीर्तन व धर्म का पालन के आयोजन नियमित होने चाहिए। सन्ध्या वन्दन करने का प्रयास करें। पं गायत्री प्रसाद ने बताया मन्दिरों में गीता, रामायण का पाठ करना व धर्म का प्रचार हो सके। विजय शंकर पाण्डेय ने बताया मंदिर पुजारियों और संत—महंतों को आज सनातन धर्म के अनुसार मन्दिरों की सेवा पूजा के अलावा जन सेवार्थ कार्य करने चाहिए। उन्होंने ब्राह्मण बालकों को वेद आदि की शिक्षा देने के लिए मंदिरों में वेद विद्यालय खोलने की जरूरत जताई।