Rajasthan

देशी खाने से लेकर झोपड़ी तक, मिलेगा अलग सुकून, एक बार जरुर घूमिए राजस्थान के विश्नोई विलेज सफारी

जोधपुर: अगर आप इस सर्दी में अपने परिवार और दोस्तों के साथ राजस्थान की अद्भुत संस्कृति और साहसिकता का अनुभव करना चाहते हैं, तो जोधपुर और पाली रोड पर स्थित बिश्नोई विलेज एक बेहतरीन जगह हो सकती है. कांकाणी गांव के पास स्थित यह खूबसूरत गांव न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह कई फिल्मों और टीवी सीरियल्स की शूटिंग का भी केंद्र रहा है. यहां आपको पुराने समय के झोपड़ीनुमा हंट का अनुभव मिलेगा, जो गांव की परंपराओं को जीवित रखते हैं.

बिश्नोई विलेज की सुंदरता का आनंद लेने के लिए पर्यटक केवल देश से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी यहां आते हैं. यह स्थान काले हिरण के स्मारक से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहां हिरणों की बड़ी संख्या के कारण यह स्थान और भी प्रसिद्ध है.

सलमान खान विवाद के बाद चर्चाओं में आया बिश्नोई विलेज1998 में फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान इस गांव में अभिनेता सलमान खान पर काले हिरण का शिकार करने का आरोप लगा था. इसके बाद से यह गांव देशभर में नहीं, बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय बन गया. पर्यटक यहां आने पर काले हिरण के स्मारक को जरूर देखते हैं और इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं.

शूटिंग के लिहाज से बेहतरीन लोकेशनफिल्म राइटर और डायरेक्टर जीवंत कालिया ने लोकल-18 से बातचीत करते हुए बताया, “मेरी फिल्म 363 विश्नोई समाज की बहादुर महिला अमृतादेवी पर आधारित है. 300 साल पुरानी लोकेशन के लिए हमने इस गांव को चुना, क्योंकि यहां की संस्कृति आज भी जस की तस बनी हुई है. यह लोकेशन फिल्म शूटिंग के लिए बेहतरीन है.”

पुरानी संस्कृति को जीवित रखता रिसॉर्टइस रिसॉर्ट के मालिक अमित विश्नोई ने बताया कि उन्होंने बिश्नोई समाज की पुरानी संस्कृति को संरक्षित रखा है. यही वजह है कि यहां आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों को यह स्थल बहुत पसंद आता है. “हम कोशिश करते हैं कि यहां आने वाले पर्यटकों को राजस्थान की परंपराओं के अनुरूप पूरा अनुभव मिले,” उन्होंने कहा. यहां के पारंपरिक देशी खाने और झोपड़ीनुमा हंट को पर्यटक काफी पसंद करते हैं. साथ ही, यह स्थल शांति और सुकून की तलाश में आए लोगों के लिए भी आदर्श है. बिश्नोई विलेज अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है, जो न केवल सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि पर्यटकों को राजस्थान की पुरानी और समृद्ध परंपरा से भी परिचित कराता है.

Tags: Local18, Pali news

FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 14:24 IST

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