BAAT KAHOON MAIN KHAREE...

बीती ताहि बिसार दे आगे की सुध ले…

रात 12 बजे बाद शताब्दी के नए कलेवर में प्रवेश करने जा रहे हैं। नई सोच नई उमंग का तुफान हमारे दिलों दिमाग पर हावी है,क्या करना है नए साल में इस उथल-पुथल को लेकर हम नए वर्ष की नई सुबह से साक्षात होगें। इस नए साल में 2021 के कोरोना दंश के साथ ओमिक्रॅान संक्रमण और हिन्दु़ बनाम हिन्दुत्ववादी राजनीतिक जंग भी हमारे साथ 2022 का हिस्सा बन रही है। ओमिक्रॉन वायरस से हमें सजग सतर्क रहते हुए गाईड लाईन की पालना में चलना होगा। इन वायरसों ने आम जीवन को अस्त व्यस्त करके ही नहीं रखा बल्कि सामाजिक नैतिक मूल्यों पर भी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष हमला किया है। कहीं रोटी छिल ली गई तो कहीं रोजगार से बेरोजगार हो गए। यह तो आवाम की बात है लेकिन सरकारी स्तर पर देखा जाए तो राजनेता इतनी मोटी चमड़ी के हैं कि उन्हें इन खतरनाक वायरसों की कोई चिन्ता नहीं है। आने वाला कल कैसा होगा इसको नापने वाले पैमाने इनकी दूरदृष्टि का हिस्सा नहीं है बल्कि एक चिन्ता अश्क से लेकर फर्श तक यह है कि ऐनकेन प्रकरेण इनकी राजनीतिक दुकान जनता जर्नादन की नजरों में सजी रहें,कोई इनका बाल बांका भी न कर सकें,उसके लिए ये लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं। जनसेवा देशसेवा वर्तमान परिपेक्ष्य में ढकोसला बनकर रह गया। मर्यादा पुरूषोत्तम राम के साथ काशी विश्वनाथ सहित मथुरा के प्रकरण को मुद्दा बन चुका है धर्मान्धता की राजनीति करने वालों का। मंहगाई और महामारी के गोण होते मुद्दों के बीच इस आने वाले नए साल में पांच राज्यों के चुनाव आने वाले कल का क्या भविष्य होगा यह तो आने वाल कल बताएंगा,लेकिन चुनावों की अनिवार्यता के बीच बुजूर्गों को घर से ही मतदान करने की इजाजत देकर चुनाव आयोग ने अच्छे संकेत दिए है 21वीं सदी में आने वाले कल के लिए हो सकता है आने वाले कल में किसी भी मतदाता को पोलिंग बुथ पर न जाना पड़े और घर से या फिर अपने रजिस्टर्ड मोबाईल से ही अपना नेता और अपनी सरकार का चयन कर ले।
ओमिक्रॉन संक्रमण के चलते आप नए साल में प्रवेश कर रहे हैं पिछले सारे गिलें शिकवें भुलाते हुए नई सोच नई उमंग नए उत्साह के साथ नए साल में प्रवेश करें यानि बिती ताहि बिसार दे आगे की सूध ले।
नया साल री था सग्ल्या ने घणी घणी बधाईयां। हां ध्यान रखे नए साल के उत्साह और जुनून में होश न खाए सतर्क सजग रहें औरों को भी सजग सतर्क रहने की नसीहत दे,क्योंकि विदा हम 2021 को कर रहे हैं ओमिक्रॉन संक्रमण को नहीं।यह ऐसा संक्रमण है जिसकी चपैट में आने पर मंदिर-मस्जिद आदि भी अछूते नहीं रहे हैं।

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