Rajasthan

खोल दिए गए बीसलपुर के 2 गेट:बनास नदी के किनारों पर तैनात है पुलिस , बंगाल की खाड़ी तक जाएगा पानी- खेती को फायदा

निराला समाज टीम

शनिवार सुबह गेट खोलने से पहले प्रशासन ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली थीं। - Dainik Bhaskar

शनिवार सुबह गेट खोलने से पहले प्रशासन ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली थीं।

जयपुर-अजमेर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध 2 गेट आज सुबह 11 बजे खोले गए। राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने पूजा-अर्चना के बाद गेट खोले।

फिलहाल बांध के गेट एक-एक मीटर तक खोले गए हैं। इनसे 13 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जाएगी। एक्सपर्ट के अनुसार डैम से छोड़ा गया पानी कई राज्यों से होता हुआ बंगाल की खाड़ी तक पहुंचेगा। वहीं, पानी के निकासी क्षेत्र बनास नदी के दोनों और सुरक्षा बढ़ाई गई है।

बांध बनने के बाद से अब तक ये 7वां मौका है, जब बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। इससे पहले प्रशासन ने सायरन बजाकर लोगों को अलर्ट किया। डैम से निकलने वाली पानी से करीब 81 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी।

बांध से छोड़े जा रहे पानी से किसी को नुकसान न हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है।

बांध से छोड़े जा रहे पानी से किसी को नुकसान न हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है।

बीसलपुर से निकलने वाला पानी बनास नदी से होते हुए आगे की तरफ निकलेगा। बांध के 9 और 10 नंबर के गेट खोले गए हैं।

बीसलपुर से निकलने वाला पानी बनास नदी से होते हुए आगे की तरफ निकलेगा। बांध के 9 और 10 नंबर के गेट खोले गए हैं।

पहली बार सितंबर में खोले गए गेट

हर बार बांध के गेट अगस्त महीने में खोले गए थे। ये पहली बार है कि बांध के गेट सितंबर महीने में खोले गए हैं। गेट खोलने के लिए स्काडा सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, शाहपुरा और केकड़ी क्षेत्र में तेज बरसात के बाद गंभीरी, जैतपुरा और गोवटा बांधों से पानी की निकासी जारी है। वहीं, त्रिवेणी नदी के साथ ही खारी और डाई नदियों से भी बांध में पानी पहुंच रहा है।

जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से डैम के गेट खोले। इस मौके पर टोंक जिला कलेक्टर डॉ सौम्या झा सहित सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से डैम के गेट खोले। इस मौके पर टोंक जिला कलेक्टर डॉ सौम्या झा सहित सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

बांध के गेट खोलने से विधि-विधान से पूजा और मंत्रोच्चार हुआ। इसके बाद फिर से प्रशासनिक अधिकारियों ने सिस्टम चेक किए और फिर गेट खोले गए।

बांध के गेट खोलने से विधि-विधान से पूजा और मंत्रोच्चार हुआ। इसके बाद फिर से प्रशासनिक अधिकारियों ने सिस्टम चेक किए और फिर गेट खोले गए।

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