Rajasthan

Unique Devotion of Mewar on Hanuman Jayanti

Last Updated:April 12, 2025, 17:41 IST

हनुमान जयंती के अवसर पर उदयपुर के बदनौर की हवेली स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में इस बार 1111 फीट लंबी विशेष लहरिया पगड़ी तैयार की गई है. यह पगड़ी भगवान हनुमान को धारण कराई जाएगी.X
हनुमान
हनुमान जयंती स्पेशल 

हाइलाइट्स

हनुमान जयंती पर 1111 फीट लंबी पगड़ी तैयार की गई.पगड़ी बनाने में भीलवाड़ा की कॉटन मिल का कपड़ा इस्तेमाल हुआ.विशेष शोभायात्रा बदनोर की हवेली से मीठा राम जी के मंदिर तक जाएगी.

उदयपुर:- मेवाड़ की सांस्कृतिक पहचान में पगड़ी का विशेष स्थान है. यहां न केवल आमजन, बल्कि देवी-देवताओं को भी विशेष अवसरों पर पारंपरिक पगड़ियां पहनाई जाती हैं. इसी कड़ी में हनुमान जयंती के अवसर पर उदयपुर के बदनौर की हवेली स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में इस बार 1111 फीट लंबी विशेष लहरिया पगड़ी तैयार की गई है. यह पगड़ी भगवान हनुमान को धारण कराई जाएगी, जो आस्था और परंपरा का अद्भुत प्रतीक है.

साल 2010 से चली आ रही परंपरामंदिर के प्रवक्ता प्रवीण बैरागी ने लोकल 18 को बताया कि साल 2010 से यह परंपरा निरंतर चली आ रही है, जिसके अंतर्गत हर साल भगवान को अलग-अलग डिज़ाइन और शैली की पगड़ियां पहनाई जाती हैं. इस बार की पगड़ी की खास बात इसकी लंबाई और पारंपरिक लहरिया डिजाइन है, जो मेवाड़ी संस्कृति की झलक प्रस्तुत करती है.

यहां से मंगाया जाता है कपड़ाइस अवसर पर मेवाड़ी शाही पगड़ी के दौलत सेन ने बताया कि इस खास पगड़ी को तैयार करने के लिए कपड़ा विशेष रूप से भीलवाड़ा की कॉटन मिल से मंगवाया गया. यह केवल एक पगड़ी नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, मेहनत और श्रद्धा का प्रतीक है, दौलत सेन ने कहा. उन्होंने बताया कि पगड़ी को तैयार करने में लगभग एक सप्ताह का समय लगा और इसमें पूरा परिवार दिन-रात जुटा रहा.

दौलत सेन ने यह भी बताया कि पगड़ी बनाते समय कई बार कपड़े में सिलवटें और अन्य तकनीकी समस्याएं आती हैं. लेकिन भगवान की सेवा भावना से प्रेरित होकर हर बार यह कार्य पूरी निष्ठा से किया जाता है. पगड़ी की लंबाई और उसका लहरिया पैटर्न तैयार करने में पारंपरिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया, जिससे इसकी शान और बढ़ गई.

निकाली जाएगी शोभायात्राहनुमान जयंती के दिन इस भव्य पगड़ी के साथ एक विशेष शोभायात्रा भी निकाली जाएगी, जो बदनोर की हवेली से शुरू होकर मीठा राम जी के मंदिर तक जाएगी. इस यात्रा में ढोल-नगाड़ों, शंखध्वनि और पारंपरिक मेवाड़ी परिधानों में सजे श्रद्धालु भाग लेंगे. यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक भावना को प्रकट करता है, बल्कि मेवाड़ की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती देता है. इस आयोजन के माध्यम से उदयपुर वासियों ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि आस्था और परंपरा जब एक साथ चलें, तो संस्कृति को जीवंत बनाए रखना संभव है.

Location :

Udaipur,Rajasthan

First Published :

April 12, 2025, 17:41 IST

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हनुमान जयंती पर 1111 फीट की पगड़ी से सजे बजरंगबली, मेवाड़ की अनोखी श्रद्धा

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