Temples will be free from government control in this state | इस राज्य में सरकारी नियंत्रण से मुक्त होंगे मंदिर.. गौ पालन पर प्रोत्साहन..तीर्थ यात्रा के लिए सब्सिडी

गौशालाओं की संख्या 31 से बढ़ाकर 100 करने की योजना.. गोमाता सहकार संघ की स्थापना करेगी सरकार.. काशी यात्रा पर सब्सिडी भी
जयपुर
Published: March 05, 2022 11:40:09 pm
जयपुर। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपने पहले बजट में गोशालाओं में गायों को गोद लेने के लिए सार्वजनिक एवं निजी संस्थानों को प्रोत्साहित किया है। वहीं बजट में देवस्थानम विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों को स्वायत्तता देकर सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का प्रस्ताव किया गया है। विभाग के अधीन 34 हजार से अधिक मंदिर हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हमारी सरकार ने पशु संसाधनों के संरक्षण को अधिक महत्व दिया है। हमने कर्नाटक पशुवध रोकथाम एवं संरक्षण अधिनियम 2020 पिछले साल लागू किया गया था। इस अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए गोशालाओं की संख्या 31 से बढ़ाकर 100 की जाएगी। इसके लिए 50 करोड़ रुपए प्रदान किए जाएंगे।Ó
उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार सरकारी और निजी संस्थानों को गोशालाओं में गायों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए पहली बार ‘पुण्यकोटि दत्तूÓ योजना शुरू की जाएगी। योजना के तहत 11 हजार रुपए सालाना भुगतान कर गायों को गोद लिया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि देशी गाय की नस्लों को संरक्षित करने और बढ़ाने के लिए कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) के माध्यम से किसानों के बीच 2 हजार गायों का वितरण किया जाएगा। प्रदेश की गोशालाओं में पैदा कचरे से पर्यावरण हितैषी उत्पादों तैयार किए जाएंगी जिसके लिए सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। गाय उत्पादों के विपणन के लिए ‘गोमाता सहकार संघÓ की स्थापना की जाएगी।

विभाग के अधीन 34 हजार से अधिक मंदिर
बजट में देवस्थानम विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों को स्वायत्तता देकर सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का प्रस्ताव किया गया है। विभाग के अधीन 34 हजार से अधिक मंदिर हैं। उन्होंने कहा कि मंदिरों से सरकारी नियंत्रण खत्म करने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। भक्तों की इन मांगों पर विचार करते हुए विभाग के दायरे में आने वाले मंदिरों को स्वायत्तता दी जाएगी। विकास कार्यों का अधिकार मंदिरों को सौंप जाएगा। इसके लिए आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि काशी यात्रा पर जाने वाले 30 हजार तीर्थयात्रियों को 5 हजार रुपए प्रति तीर्थयात्री की दर से सब्सिडी दी जाएगी। कर्म खर्च में तीर्थ यात्रा के लिए राज्य पर्यटन विकास निगम पवित्र यात्रा कार्यक्रम शुरू करेगा।
100 करोड़ से होगा हनुमान जन्मस्थली का विकास
पीपीपी मॉडल के तहत लगभग 116 करोड़ रुपए की लागत से सागर तालुक, शिवमोग्गा के जोगफॉल्स में होटल और रोप-वे विकास कार्य किया जाएगा।
– पीपीपी मॉडल में उत्तर कन्नड़ जिले के याना में रोप-वे बनेगा।
– आंजनेय स्वामी के जन्म स्थान के रूप में विख्यात कोप्पल जिले की आंजनाद्री पहाड़ी के व्यापक विकास के लिए एक योजना तैयार की जाएगी। पर्यटकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, रोप-वे से संबंधित कार्य के लिए 100 करोड़ रुपए।
– मैसूरु की चामुंडी बेट्टा और मुल्लायनगिरी दत्तापीता बेट्टा, चिकमंगलूरु में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोप-वे की योजना।
– भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहयोग सेए पर्यटकों के आकर्षण के लिए बीदर और कलबुर्गी शहरों में विरासत किलों का कायाकल्प किया जाएगा।
– पर्यटक गाइडों को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटन विभाग में पंजीकृत लगभग 400 गाइडों को 2,000 रुपए प्रति माह की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी और उन्हें संचार कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पिछले पांच वर्षों में प्राकृतिक और मानवीय हस्तक्षेपों के कारण वन प्रणाली पर बने नकारात्मक प्रभाव की भरपाई के लिए 100 करोड़ रुपए (ईको-बजट) आवंटित किए जाएंगे।
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