200 साल पुराना स्कूल, जहां कभी छतरियों में लगती थीं क्लासेस , आज बना ऐतिहासिक धरोहर!

Last Updated:March 03, 2025, 17:19 IST
झुंझुनू का 200 साल पुराना स्कूल, जो कभी छतरियों में संचालित था, आज महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल बन चुका है. ऐतिहासिक महत्व रखने वाला यह संस्थान शिक्षा की समृद्ध परंपरा का प्रतीक है और संरक्षण की आवश्यकता …और पढ़ेंX
झुंझुनूं में आज भी संचालित है सबसे प्राचीन स्कूल, कभी बड़ी बड़ी छतरियों में चलती
रविन्द्र कुमार/ झुंझुनूं- जहां आज के दौर में माता-पिता अपने बच्चों को हाई-फाई स्कूलों में पढ़ाना पसंद करते हैं, वहीं झुंझुनू में एक ऐसा स्कूल संचालित हो रहा है जो 200 वर्षों से शिक्षा की लौ जलाए हुए है. यह स्कूल कभी पुरानी छतरियों में चला करता था और अब झुंझुनू का सबसे पुराना शिक्षण संस्थान होने का गौरव रखता है.
स्कूल का गौरवशाली इतिहाससंस्था प्रधान अनीता ने बताया कि इस स्कूल की ऐतिहासिक बनावट इसकी प्राचीनता को दर्शाती है. यहां पढ़े हुए विद्यार्थी शिक्षा के विकास के साक्षी रहे हैं. पुराने छात्र बताते हैं कि एक समय था जब किताबें भी उपलब्ध नहीं थीं, फिर भी लोग पढ़ाई को लेकर गंभीर थे. उस दौर में सुविधाओं के अभाव में भी शिक्षा की गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान दिया जाता था, जबकि आज के बड़े स्कूल केवल दिखावे पर जोर देते हैं.
पूर्वजों की शिक्षा के प्रति सोच का प्रतीकआज झुंझुनू जिला शिक्षा के क्षेत्र में देश और प्रदेश में अग्रणी है, लेकिन इसकी नींव हमारे पूर्वजों ने वर्षों पहले रखी थी. जब शिक्षा का महत्व भी नहीं समझा जाता था, तब यहां सरकारी स्कूल खुल चुके थे. झुंझुनू शहर का सिटी स्कूल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इस वर्ष यह स्कूल 200 वर्षों का सफर पूरा कर चुका है. शुरुआत में यह केवल दूसरी कक्षा तक संचालित होता था, फिर 1938 तक यह प्राथमिक और बाद में उच्च प्राथमिक स्तर तक पहुंच गया.
अंग्रेजों की छावनी से स्कूल तक का सफरआजादी से पहले हरियाणा, पंजाब और राजस्थान को पेप्सू स्टेट कहा जाता था, जो पटियाला राजशाही के अधीन था. जयपुर के शासक महाराजा सवाई सिंह की पहल पर इस स्कूल की स्थापना अंग्रेजों की छावनी के पास की गई थी. उस समय इसे ‘राज स्कूल’ कहा जाता था. करीब 100 साल बाद इसे ‘सिटी स्कूल’ के नाम से पहचाना जाने लगा और अब इसे महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में परिवर्तित कर दिया गया है. वर्तमान में इस स्कूल में लगभग 170 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं और यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
पुराने छात्र आज भी करते हैं यादें ताजास्थानीय लोग बताते हैं कि यह स्कूल 1820 में स्थापित हुआ था. स्कूल के पास 1948 से अब तक का पूरा रिकॉर्ड मौजूद है, जिससे इसकी ऐतिहासिकता प्रमाणित होती है. पुराने छात्रों के अनुसार, पहले ‘पहला दर्जा’ और ‘दूसरा दर्जा’ के बाद पहली और दूसरी कक्षा शुरू होती थी. स्कूल छतरियों में लगता था और अंग्रेज अफसरों द्वारा यूपी से शिक्षक बुलाए गए थे. आजादी के बाद यह स्कूल एक पुराने अस्तबल में स्थानांतरित कर दिया गया था। पहले एक कक्षा में 20 छात्र पढ़ते थे और दो स्थानीय शिक्षक पढ़ाते थे, जिनमें एक चंद्र दत्त सैनिक थे.
संरक्षण की आवश्यकतासंस्था प्रधान अनीता ने बताया कि वर्तमान में स्कूल का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिसे पुनर्निर्मित करने की आवश्यकता है ताकि यह ऐतिहासिक भवन आगे भी देखने लायक बना रहे. यह स्कूल सिर्फ एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि झुंझुनू की शिक्षा यात्रा का एक जीवंत प्रतीक है.
Location :
Jhunjhunu,Rajasthan
First Published :
March 03, 2025, 17:19 IST
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200 साल पुराना स्कूल, जहां कभी छतरियों में लगती थीं क्लासेस , आज बना ऐतिहासिक