Rajasthan

200 साल पुरानी परंपरा! 2,000 भजनों का अनोखा संग्रह! हर रोज रात 9 बजे सज जाता है दरबार

Agency:Local18

Last Updated:February 25, 2025, 18:15 IST

नागौर के नगर सेठ बंशीवाला मंदिर में हर रात 9 बजे भक्ति संगीत की गूंज सुनाई देती है. यहां पेशेवर गायक नहीं, बल्कि स्थानीय व्यापारी और दुकानदार भजन गाते हैं. यह परंपरा 200 साल पुरानी है और पिछले 50 वर्षों से लगात…और पढ़ेंX
भजन
भजन गाने वाली टीम 

दीपेंद्र कुमावत/नागौर- राजस्थान का नागौर शहर अपनी समृद्ध लोक कला और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है. यहां फाल्गुन में गाए जाने वाले फाग गीतों की विशेष पहचान है, लेकिन नगर सेठ बंशीवाला मंदिर में यह भक्ति रस पूरे साल देखने को मिलता है. इस मंदिर में हर रात 9 बजे के बाद भक्ति गीतों और होरी के रागों की मधुर ध्वनि गूंजने लगती है, जहां तबले और हारमोनियम की संगत में भजन सुनने को मिलते हैं.

स्थानीय भक्तों की अनोखी मंडलीइस मंदिर की खासियत यह है कि यहां भजन गाने वाले लोग कोई पेशेवर कलाकार नहीं हैं, बल्कि स्थानीय व्यापारी और दुकानदार हैं, जो दिनभर अपने व्यवसाय में व्यस्त रहने के बाद रात में भक्ति में लीन हो जाते हैं. यह परंपरा पिछले 50 वर्षों से लगातार निभाई जा रही है और मंदिर की 200 साल पुरानी भजन परंपरा को संजोए हुए है.

भजन गाने की प्रतिज्ञा और गुरु परंपरा68 वर्षीय गोपाल अटल, जो इस मंडली के मुख्य गायक हैं, बताते हैं कि उन्होंने अपने गुरु से सातवीं कक्षा में ही भजन गाने की प्रतिज्ञा ली थी. यहां पर शिवरात्रि, जन्माष्टमी और बसंत के अवसर पर विशेष भजन संध्याएं आयोजित की जाती हैं. इसके अलावा, सावन में 15 दिनों तक भजन मंडली के लिए चंदा एकत्र किया जाता है, जिससे इस परंपरा को जीवंत बनाए रखा जाता है.

संग्रह में 2,000 से अधिक भजनगोपाल अटल हारमोनियम के कुशल वादक हैं और 600 से अधिक भजन गाने में सक्षम हैं. तबला वादक नरेंद्र जोशी 25 से अधिक तालों में निपुण हैं. मंदिर में गाए जाने वाले प्रमुख भजनों में “खेलत फाग श्री गण राजा”, “बावरी बन आई, तुझे होरी कौन खिलाई”, “मानो-मानो जी छैल नंदलाल”, जैसे भक्तिगीत शामिल हैं. इनके गुरु पूसाराम सोनी ने अपने हाथ से लिखी 20 से अधिक धार्मिक पुस्तकों का संग्रह देकर इस परंपरा को आगे बढ़ाया था.

हर एकादशी पर जागरण की परंपरामंदिर में हर एकादशी पर पूरी रात जागरण किया जाता है, जिसमें भक्ति संगीत की मधुर ध्वनि भक्तों को आध्यात्मिक अनुभूति कराती है. हालांकि, मंडली के सदस्य यह भी मानते हैं कि नई पीढ़ी में शास्त्रीय संगीत और राग-ताल की समझ कम होती जा रही है, जिससे इस परंपरा को आगे बढ़ाने की चुनौती बनी हुई है.

नगर सेठ बंशीवाला मंदिर भक्ति संगीत का एक अनूठा केंद्र है, जहां परंपरा और श्रद्धा का अनोखा संगम देखने को मिलता है. यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि लोक संगीत की धरोहर को संजोने वाला एक महत्वपूर्ण स्थान भी है.


Location :

Nagaur,Rajasthan

First Published :

February 25, 2025, 18:15 IST

homedharm

200 साल पुरानी परंपरा! 2,000 भजनों का अनोखा संग्रह! हर रोज रात 9 बजे सज जाता

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj