कोटा का स्नेक हीरो गोविन्द – Kota Snake Hero Govind: Safe Snake Rescue Expert

देवेंद्र सेन.
कोटा. कोटा शहर में साँपों की बढ़ती मौजूदगी के बीच “गोविन्द स्नेक कैप्चर” का नाम आज भरोसे के रूप में उभरकर सामने आया है. गोविन्द, जो मूल रूप से शहर के एक साधारण परिवार से आते हैं, बचपन में एक अनजाने हादसे के बाद साँपों के प्रति विशेष रुचि विकसित करने लगे थे. खेलते समय गलती से एक साँप उठाने की घटना जहाँ किसी के लिए डर का कारण बन सकती थी, वहीं गोविन्द के लिए यह जिज्ञासा और सीख की शुरुआत बन गई. इसी अनुभव ने उन्हें साँपों को समझने और उनके संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ाया.
गोविन्द बताते हैं कि उन्होंने वर्षों के अनुभव और अवलोकन के माध्यम से साँपों की प्रजातियों, व्यवहार और रेस्क्यू तकनीकों का ज्ञान अर्जित किया. शहर में किंग कोबरा, रसेल वाइपर, कॉमन करैत और सॉ-स्केल्ड वाइपर जैसी ज़हरीली प्रजातियों के मामले सामने आते रहते हैं. गोविन्द अब तक सैकड़ों रेस्क्यू कर चुके हैं, जिनमें अधिकांश खतरनाक प्रजातियों से जुड़े मामले शामिल हैं. उनकी विशेषता यह है कि वे बिना किसी नुकसान के साँपों को पकड़कर सुरक्षित स्थान या जंगल में छोड़ते हैं.
आपातकालीन सलाह और बचाव के उपायगोविन्द का कहना है कि अधिकांश घटनाओं में लोग घबराहट के कारण ग़लत कदम उठा लेते हैं, जिससे चोट या नुकसान की संभावना बढ़ जाती है. वे सलाह देते हैं कि— “साँप दिखे तो सबसे पहले घबराएँ नहीं। मुझसे संपर्क करें। जब तक मैं पहुँचूँ, साँप पर एक मोटा चादर या कंबल डाल दें।” यह सरल उपाय कई बार ख़तरे को कम करने में मददगार रहा है, क्योंकि इससे साँप शांत रहता है और न भागता है, न आक्रामक होता है. गोविन्द बताते हैं कि साँप मनुष्य पर बिना कारण हमला नहीं करते, बल्कि डर या भ्रम की स्थिति में आक्रामक हो जाते हैं, इसलिए समझदारी और धैर्य आवश्यक है.
ज़हरीले साँप और चिकित्सकीय चेतावनीगोविन्द लोगों को खास तौर पर यह भी चेतावनी देते हैं कि यदि किसी को साँप काट ले तो तुरंत डॉक्टर से चिकित्सा लें. झाड़-फूँक या किसी बाबा पर भरोसा करना घातक साबित हो सकता है. वे बताते हैं कि समय पर एंटी-वेनम मिलने से अधिकांश मामलों में जान बचाई जा सकती है. चंबल क्षेत्र में कोटा के आसपास ज़हरीले साँपों की चार प्रमुख प्रजातियाँ—कोबरा, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर और कॉमन करैत—अधिक पाई जाती हैं.
गोविन्द का प्रयास केवल रेस्क्यू तक सीमित नहीं है, बल्कि वे जागरूकता फैलाकर लोगों को सिखाते हैं कि साँपों को मारना नहीं, बल्कि उचित तरीके से बचाना चाहिए, क्योंकि वे पर्यावरण के संतुलन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
आपात स्थिति में संपर्क करें: गोविन्द स्नेक कैप्चर — 96029 87347



