22 गवाह, 32 दस्तावेज… फिर भी ‘सर तन से जुदा’ वाले गौहर चिश्ती को नहीं दिला पाए सजा, वकील बोले-भारी भीड़ में…
अजमेरः (रिपोर्टः अशोक सिंह भाटी) अजमेर के बहुचर्चित सर तन से जुदा नारे लगाने के मामले में कोर्ट ने आज अंतिम फैसला सुना दिया. मामले में खादिम गौहर चिश्ती सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया. 2 साल चल रहे केस में 22 गवाह 32 दस्तावेज और 20 आर्टिकल पेश किए गए थे, बावजूद इसके पुलिस और अभियोजन पक्ष की ओर से कई खामियां रह गईं. मामले में 6 लोगों को दोष मुक्त किया गया है. बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि भारी भीड़ की वजह से वीडियो में यह पता नहीं चला कि नारे किसने लगाए.
याचिकाकर्ताओं ने अब हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है. सरकारी वकील गुलाम नजवी फारूकी ने बताया कि 17 जून 2022 को भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के ने विवादित टिप्पणी दी थी. बाद में दरगाह की सीढ़ियों पर लाउडस्पीकर के जरिए भारी भीड़ के बीच सर से जुदा के नारे लगाए गए थे. इसे लेकर दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज किया गया. मामले में मुख्य आरोपी खादिम गौहर चिश्ती, ताजिम सिद्दीकी, फकर जमाली, रियाज हसन, मोइन खान और नासिर खान को आरोपी बनाया गया.
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आरोप लगाया गया कि इन्होंने लाउडस्पीकर लगाकर दरगाह के निजाम गेट के बाहर सीडीओ पर गुस्ताखी नबी की एक ही सजा सर तन से जुदा करने के भडकाऊ नारे लगाए थे. जिसे लेकर पुलिस में हडकंप मच गया और इस मामले में गौहर चिश्ती सहित छह आरोपियों को गिरफ्तारी करने की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन इससे पहले ही गौहर चिश्ती हैदराबाद फरार हो गया. उसे पुलिस ने वहां से गिरफ्तार किया और अजमेर लेकर आयी. सभी आरोपियों के खिलाफ एडीजे कोर्ट में चालान पेश किया गया.
पूरे प्रकरण के बीच कुछ दिन बाद ही उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई. आतंकी सोच के साथ हत्या करने वाले आरोपियों ने भी यही नारे वीडियो में हत्या करते समय लगाए. वह वीडिओ सभी के सामने भी आया. इस घटना को अजमेर से लिंक करते हुए देखा गया और इस मामले की एनआईए द्वारा जांच भी की गई, लेकिन दरगाह के बाहर लगाए गए नारे और हत्याकांड से किसी तरह का लिंक सामने नहीं आया. इसके बाद इस मामले में गौहर चिश्ती को छोड़कर सभी को बेल भी दे दी गई. लेकिन गौहर चिश्ती का पुराना रिकॉर्ड देखते हुए उससे पूछताछ लगातार जारी रही.
गौहर चिश्ती को अजमेर सीआरपीएफ कैंप में वीडियो ग्राफी करते हुए पकड़े गया था. जिसे कोतवाली थाना पुलिस ने पूछताछ भी की और इस मामले में सीआईडी में भी जांच पड़ताल की थी, लेकिन इस मामले में भी किसी तरह के सबूत नहीं मिले. इस कारण उसे छोड़ दिया गया. लेकिन एक बार फिर नारेबाजी के कारण गौहर चिश्ती सुर्खियों में आया और उसके खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. जिसे लेकर आज एडीजे कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुनाया.
वकील गुलाम नजीब फारूकी ने कहा कि इस पूरे फैसले की कॉपी को वह सही से पढ़ेंगे और इसमें क्या कमियां रहीं इसका आकलन किया जाएगा. साथ ही हाईकोर्ट में अपील दायर की जाएगी. क्योंकि यह मामला बड़ा संगीन था. बचाव पक्ष के वकील अजय वर्मा का कहना है कि उन्होंने मजबूती से पैरवी की. जो साक्ष्य और गवाह अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए उनसे जवाब तलब किए. इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस थे और पेन ड्राइव सहित अलग-अलग मोबाइल की रिकॉर्डिंग में ऑडियो सामने रखे गए.
बचाव पक्ष के वकील अजय वर्मा ने कहा कि उदयपुर हत्याकांड के साथ ही अन्य हत्याकांड से इस मामले का कोई भी लिंक नहीं मिला. ना ही भारी भीड़ में यह पाया कि नारे किसने लगाए. ऐसे में गौहर चिश्ती सहित सभी को दोष मुक्त करते हुए बरी किया गया है. इस मामले में अब अभियोजन पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में जाने की बात कही जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 15:12 IST